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This Article is From Jul 31, 2020

'कमाल' की यूपी पुलिस, अपराधी के साथ नागिन डांस करते हुए निलंबित दारोगा का VIDEO वायरल

ना‍गिन डांस के इस वीडियो में हसीन उर्फ राजा कालिया को रुपये लुटाते हुए देखा जा सकता है. राजा पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और बीन बजाने का अभिनय करते हुए सस्‍पेंड किए गए इंस्‍पेक्‍टर रंजीत राय भी इसमें हैं,

'कमाल' की यूपी पुलिस, अपराधी के साथ नागिन डांस करते हुए निलंबित दारोगा का VIDEO वायरल
सस्‍पेंड दारोगा रंजीत राय का नागिन डांस करते हुए वीडियो वायरल हुआ है
लखनऊ:

यूपी पुलिस (UP Police) की 'महिमा' वाकई अपरंपार है. कानपुर वाले विकास दुबे (स्‍वर्गीय) का एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक दरोगा, यूपी के इस यूपी के दुर्दांत अपराधी के पास आने में डर रहा है. इस पर विकास (Vikas Dubey) कहता है-डरो मत पास आ जाओ. अब कानपुर के एक निलंबित दरोगा का एक अपराधी के साथ नागिन डांस का वीडियो सामने आया है. दारोगा पर आरोप है कि उसने अगवा युवक संजीत के घर वालों से बदमाशों को फिरौती भी दिलवा दी और संजीत (Sanjeet) बाद में मार डाला गया.ना‍गिन डांस के इस वीडियो में हसीन उर्फ राजा कालिया को रुपये लुटाते हुए देखा जा सकता है. राजा पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और बीन बजाने का अभिनय करते हुए सस्‍पेंडड इंस्‍पेक्‍टर रंजीत राय भी इसमें हैं, वर्दी में दारोगा हरिओम गौतम हैं जो लॉकडाउन के दौरान ठेले वालों से वसूली के आरोप में सस्‍पेंड किए गए हैं.

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रंजीत राय (Ranjit Rai) की बात करें तो वह संजीत के अपहरण मामले में सस्‍पेंड हुए हैं. इन्‍होंने संजीत के घर वालों से फिरौती की रकम एक बैग में रखवाकर एक पुल के नीचे फिंकवाई थी और कहा था कि जब बदमाश इसे लेने आएंगे तो पकड़ लेंगे. हुआ यह कि बदमाश पैसा भी ले और संजीत को भी मार दिया. इस बारे में संजीत की बहन रुचि यादव कहती हैं-क्‍या पुलिस के समय में नहीं आया कि पैसा फिंकवाया जाएगा और सर खुद कह रहे थे रंजीत राय सर कह रहे थे कि देख लेना चमन लाल पैसा फिंकवाएगा. यह सब इन्‍हें पता था जो मेरे पास के दोस्‍त और मेरी बुआ का लड़का लगा था उनको हटा दिया इन्‍होंने इतनी देर में सारा मेरा पैसा भी चला गया और मेरा भाई भी आज नहीं है. 

उधर प्रतापगढ़ के असपुर देवसरा के हेड मोहर्रिर मिथलेश मिश्रा ने अपने थाना इंचार्ज पर अपराधियों से वसूली का आरोप लगा के कप्‍तान के इस्‍तीफा भेज दिया है. इस्‍तीफा तो मंजूर नहीं हुआ, उन्‍हें अनुशासनहीनता में लाइन हाजिर हो गए. मिथिलेश बताते हैं-वे दोनों पक्षों से 10 से 50 हजार रुपये के बीच पैसा लेकर क्रास केस लिखते हैं और किसी पर हेड मोहर्रिर को आदेश नहीं करते कि अभियोग पंजीकृत करें और जब उनसे कहता हूं कि इस पर आदेश कर दीजिए तो कहते हैं मैं तुम्‍हें बर्खास्‍त कर दूंगा.

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