लखनऊ:
आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों तथा राजनीतिक लोगों को दिए जाने वाले ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ को समाप्त करने की मांग की है।
महानिरीक्षक (सिविल डिफेंस) ठाकुर ने मुख्य सचिव आलोक रंजन को भेजे पत्र में कहा कि महानिरीक्षक और वरिष्ठ अधिकारियों को एक सब इंस्पेक्टर, दो हेड कांस्टेबल और आठ कांस्टेबल गार्ड ऑफ ऑनर देते हैं जबकि अन्य लोगों को एक हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल ये ऑनर देते हैं।
उन्होंने कहा कि जिस समय ये परंपरा शुरू हुई थी, वरिष्ठ अधिकारियों की संख्या काफी कम थी जबकि आज अधिकारियों और राजनीतिक पदाधिकारियों की संख्या में काफी अधिक इजाफा हुआ है।
ठाकुर ने कहा कि कुछ मंत्री निश्चित तौर पर आपराधिक पृष्ठभूमि के होते हैं। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देने से पुलिस बल का मनोबल गिरेगा और जनता को गलत संदेश जाएगा।
उन्होंने कहा कि हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने इस परंपरा को पूरी तरह समाप्त कर दिया। उत्तर प्रदेश सरकार को भी ऐसा ही करना चाहिए।
महानिरीक्षक (सिविल डिफेंस) ठाकुर ने मुख्य सचिव आलोक रंजन को भेजे पत्र में कहा कि महानिरीक्षक और वरिष्ठ अधिकारियों को एक सब इंस्पेक्टर, दो हेड कांस्टेबल और आठ कांस्टेबल गार्ड ऑफ ऑनर देते हैं जबकि अन्य लोगों को एक हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल ये ऑनर देते हैं।
उन्होंने कहा कि जिस समय ये परंपरा शुरू हुई थी, वरिष्ठ अधिकारियों की संख्या काफी कम थी जबकि आज अधिकारियों और राजनीतिक पदाधिकारियों की संख्या में काफी अधिक इजाफा हुआ है।
ठाकुर ने कहा कि कुछ मंत्री निश्चित तौर पर आपराधिक पृष्ठभूमि के होते हैं। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देने से पुलिस बल का मनोबल गिरेगा और जनता को गलत संदेश जाएगा।
उन्होंने कहा कि हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने इस परंपरा को पूरी तरह समाप्त कर दिया। उत्तर प्रदेश सरकार को भी ऐसा ही करना चाहिए।
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