उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 ( UP Assembly Election 2022) में बहुजन समाज पार्टी( BSP) उम्मीदवारों के चयन के मामले में भारतीय जनता पार्टी ( BJP) और समाजवादी पार्टी( SP) को पछाड़ने की पूरी कोशिश करती नज़र आ रही है. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र (Satish Chandra Mishra) ने बताया कि उनकी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 403 विधानसभा सीटों में से 300 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर लिए हैं और इनमें से करीब 90 उम्मीदवार दलित हैं. मिश्र ने बताया, ‘‘बसपा विधानसभा चुनाव के लिए 300 से अधिक प्रत्याशी तय कर चुकी है और इनमें से कुछ की घोषणा भी कर चुकी है. इनमें से करीब 90 प्रत्याशी दलित समाज से हैं और उनकी संख्या अभी और बढ़ेगी.''
ब्राह्मण और मुस्लिम प्रत्याशियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में जानकारी 15 जनवरी को पार्टी प्रमुख मायावती के जन्मदिन के बाद दी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण की 90 फीसदी से अधिक सीटों के लिए पार्टी के प्रत्याशी चुने जा चुके हैं, जिनकी घोषणा पार्टी अध्यक्ष मायावती के जन्मदिन के बाद की जाएगी.''
भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए मिश्र ने कहा कि इन दोनों ही दलों को अपने नेताओं पर भरोसा नहीं है और वह अब तक उम्मीदवारों के चयन के लिए माथा-पच्ची कर रहे हैं.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सलमान सईद को चरथावल विधानसभा सीट से और हाल ही में कांग्रेस छोड़ कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले इमरान मसूद के भाई नोमान मसूद को गंगोह विधानसभा सीट से अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया है. सईद यूपी के पूर्व गृहमंत्री सईदुज़्ज़मां के बेटे हैं. नोमान मसूद पूर्व केन्द्रीय मंत्री रशीद मसूद के भतीजे और सपा नेता इमरान मसूद के भाई हैं. वह लोकदल छोड़कर, बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए हैं.
मिश्र ने बताया ‘‘पार्टी दलितों के अलावा मुस्लिमों और ब्राह्मणों को भी टिकट देगी क्योंकि पार्टी ने 2007 के चुनाव में सर्व समाज को टिकट दिए थे और पूर्ण बहुमत से सत्ता हासिल की थी.''
उत्तर प्रदेश में दलित आबादी 20 फीसदी से अधिक, ब्राह्मण 13 फीसदी और मुस्लिम आबादी करीब 20 फीसदी है. राज्यसभा सदस्य मिश्र बसपा का ‘‘ब्राह्मण चेहरा'' हैं और दलितों तथा ब्राह्मणों में नजदीकी लाने के लिए वह राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा करते रहे हैं. बसपा के लिए ‘‘सोशल इंजीनियरिंग'' का यह फार्मूला फायदेमंद साबित हुआ है.
मिश्र ने बताया, ''अभी तक मैने उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 96 चुनावी रैलियां की हैं. पार्टी के अन्य नेताओं ने करीब दो सौ से अधिक रैलियां की हैं. पार्टी के नेता जहां जहां रैलियां कर रहे हैं , उन इलाकों में वह पार्टी उम्मीदवार तय कर देते हैं और उस उम्मीदवार से चुनाव की तैयारी में पूरी तरह से जुट जाने को कहा जाता है.''
पार्टी प्रवक्ता एम एच खान ने कहा कि पिछले छह माह से चुनाव के लिए बूथ-वार तैयारियां की जा रही हैं और इनका प्रभार ऐसे नेताओं को सौंपा जा रहा है जो जमीनी स्तर के हैं तथा जिनकी छवि साफ-सुथरी है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर सपा और भाजपा को अपने नेताओं पर भरोसा होता तो वह अपनी सूचियों की घोषणा करते, नेताओं के दल बदलने का इंतजार नहीं करते.''
उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से सात चरण में विधानसभा चुनाव होंगे. चुनाव का परिणाम 10 मार्च को घोषित होगा. चुनाव आयोग ने कोविड प्रतिबंध के तहत 15 जनवरी तक चुनाव प्रचार केवल वर्चुअल माध्यम से करने के निर्देश दिए हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं