विज्ञापन
This Article is From Dec 28, 2021

मध्य प्रदेश में बेरोज़गारी का आलम : 15 पदों के लिए 11,082 आवेदक, चपरासी के लिए ग्रेजुएट कर रहे अप्लाई

ग्वालियर कोर्ट में ड्राइवर पद के लिए 5, वॉचमैन के लिए 5, माली के लिए 2, स्वीपर के लिए 1 पद और चपरासी के लिए 2 पदों पर वैकेंसी निकाली गई. इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता तो 10वीं पास थी.

6500-12500 रुपए तक की तनख्वाह की नौकरी के लिए यूपी तक से उम्मीदवार आए.

भोपाल:

मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिला कोर्ट (Gwalior District Court) में शनिवार को माली, चपरासी, वॉचमैन, ड्राइवर और स्वीपर बनने के लिए बेरोजगारों का मेला (Unemployed Youth) लग गया. यहां 15 पदों के लिए हजारों बेरोजगार युवा ना सिर्फ मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) बल्कि पड़ोसी उत्तर प्रदेश से भी पहुंच गए. इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता तो 10वीं पास थी, लेकिन लाइन में ग्रैजुएट-पोस्ट-ग्रैजुएट भी लगे थे, जिससे देश और प्रदेश में बेरोजगारी का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. दरअसल, ग्वालियर कोर्ट में ड्राइवर पद के लिए 5, वॉचमैन के लिए 5, माली के लिए 2, स्वीपर के लिए 1 पद और चपरासी के लिए 2 पदों पर वैकेंसी निकाली गई. 

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने जारी किया एग्जाम कैलेंडर, जानें कब होगा कौन सा एग्जाम

नौकरी पाने के लिए ग्वालियर में कोर्ट जाने वाली सभी सड़कें और गलियां उम्मीदवारों से भर गईं. दो दिन इंटरव्यू के लिये 11 बोर्ड बनाए गए. इंटरव्यू देने पहुंचे बेरोजगारों की संख्या इतनी हो गई कि कोर्ट परिसर में बैठाने के बाद भी कई युवा बाहर रह गए. उनकी चार लाइनें लगाई गई, जो कुछ ही देर बाद भीड़ में बदल गई. जिन्हें संभालने के लिए कई बार पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी. 6500-12500 रुपए तक की तनख्वाह की नौकरी के लिए यूपी तक से उम्मीदवार आए.

इस दौरान हजारों युवाओं को निराश होकर वापस लौटना पड़ा. ऐसे ही एक उम्मीदवार अल्ताफ ने बताया कि यहां पर जलवाहक, प्यून, माली, स्वीपर के लिए वैकेंसी निकली है. मैं ग्रैजुएट हूं और उत्तर प्रदेश से प्यून पद के लिये आया हूं. कोशिश की लेकिन निकल नहीं सका. 

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने निकाली हैं सिविल जज के पदों पर भर्तियां, ये है आवेदन प्रक्रिया

कागजों में सीएमआई के आंकड़े देखें तो मध्यप्रदेश में नवंबर में बेरोजगारी दर सिर्फ 1.7 फीसद ही है, जो दूसरे राज्यों से बेहद कम है, लेकिन एक और आंकड़ा NCRB का है जो बताता है कि पिछले साल मध्यप्रदेश में सिर्फ बेरोजगारी की वजह से 95 लोगों ने खुदकुशी कर ली थी. मध्यप्रदेश के रोजगार पंजीयन के दफ्तरों में बेरोजगारों की कुल संख्या 32,57,136 है. सिर्फ इतने बेरोज़गारों को नौकरी देने में करीब 20 साल लग जाएंगे. हर साल राज्य में लगभग 4 लाख बच्चे ग्रैजुएट हो जाते हैं. ये बेरोज़गारी तब है जब स्कूल शिक्षा विभाग में 30,600, गृह विभाग में 9388, स्वास्थ्य विभाग में 8592 और राजस्व जैसे बड़े विभागों में 9530 पद खाली हैं.
उधर, कांग्रेस बेरोजगारों के मुद्दे पर शिवराज सरकार को घेर रही है. निशाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं. कांग्रेस के प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि इससे समझा जा सकता है कि शिवराज सरकार के 17 वर्ष का विकास क्या है, जो महीने भर में 1 लाख पद भरने की बात करते हैं, कहां हैं वो जनसेवक, वो कब सड़कों पर उतरेंगे. 

रवीश कुमार का प्राइम टाइम : TET पेपर लीक और बेरोजगारी के विरोध में उतरे युवाओं पर लाठियां

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com