श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर सरकार ने बडगाम जिले में विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मारे गए युवक के मामले की जांच मजिस्ट्रेट से कराने के आदेश दिए हैं। इसको लेकर हत्या का मामला दर्ज किया गया है और मामले में एक कांस्टेबल और एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को गिरफ्तार किया गया है।
त्राल में सेना के एक अभियान में हाल में दो युवकों के मारे जाने के खिलाफ इस बंद का आह्वान किया गया था। घाटी के कई हिस्सों में हिंसा भड़कने और तनाव बढ़ने के बाद पुलिसकर्मियों ने बडगाम के नरबल में एक प्रदर्शन को तितर बितर करने के लिए गोली चलाई, जिसमें 16 साल के एक लड़के सहित तीन लोग घायल हो गए। घायलों को एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां सुहैल अहमद सोफी नामक लड़के की मौत हो गई।
बडगाम के उपायुक्त मीर अल्ताफ अहमद ने श्रीनगर-गुलमर्ग रोड पर स्थित नरबल गांव में सुहैल अहमद सोफी के मौत की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। मीर ने कहा, 'अतिरिक्त उपायुक्त से युवक की मौत के पूरे मामले की जांच करने को कहा गया है। उन्हें 15 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।'
वहीं पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने श्रीनगर से 18 किलोमीटर दूर श्रीनगर-गुलमर्ग मार्ग पर बडगाम के नारबल गांव में शनिवार सुबह सुरक्षा बलों पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर उतरकर कई वाहनों में तोड़फोड़ भी की।
लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद भी जब प्रदर्शनकारी भीड़ पर काबू नहीं पाया जा सका, तब सुरक्षा बलों को गोलीबारी का सहारा लेना पड़ा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुहैल अहमद नाम के किशोर को गोली लगी, उसे श्रीनगर के झेलम वैली हॉस्पीटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सुहैल की मौत के बाद से नारबल सहित आसपास के क्षेत्रों में तनाव बढ़ गया है। लोक सेवा एवं अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी आनन फानन में कानून एवं व्यवस्था को नियंत्रण में करने के लिए घटनास्थल पर पहंचे।
नारबल में यह प्रदर्शन अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी के कश्मीर घाटी बंद के आह्वान के मद्देनजर किया जा रहा था। गिलानी ने अलगवादी नेता मसरत आलम की गिरफ्तारी के विरोध में बंद का आह्वान किया था।
पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी करने के आरोप में शुक्रवार को ही मसर्रत आलम की गिरफ़्तारी हुई थी, जिसके बाद घाटी में उसके समर्थकों ने जमकर हिंसा की थी। अलगाववादियों ने पुलिस और सुरक्षा बलों पर पत्थरों से हमला किया गया था। इन झड़पों में 24 लोग घायल हुए हैं।
जम्मू-कश्मीर के बडगाम की एक अदालत ने शुक्रवार रात मसर्रत आलम को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया। श्रीनगर में एक रैली के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने और पाकिस्तान के झंडे लहराने को लेकर गिरफ्तार किए गए आलम को न्यायाधीश के सामने पेश किया गया, जहां उसे 23 अप्रैल तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
इस 45 वर्षीय कट्टरपंथी अलगाववादी को शुक्रवार सुबह श्रीनगर के हब्बाकादल स्थित उसके मकान से गिरफ्तार किया गया और उसे राष्ट्रद्रोह की गतिविधियों और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोपी बनाया गया है।
बीते बुधवार को मसर्रत आलम को एक रैली के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करते देखा गया था। हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के साथ आलम को गुरुवार रात नजरबंद कर दिया गया था।
इनपुट : एजेंसियों से
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