ट्विटर (Twitter) ने सोमवार को करीब 250 अकाउंट पर रोक लगा दी. इन ट्विटर अकाउंट से किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भड़काऊ हैशटैग (#ModiPlanningFarmerGenocide) के साथ ट्ववीट किए जा रहे थे. सरकार के सूत्रों ने कहा है कि इन अकाउंट से फर्जी, दहशत फैलाने वाले और भड़काऊ ट्वीट किए जा रहे थे. इसमें कहा गया है कि गृह मंत्रालय और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से इसकी गुजारिश की गई थी.
सूत्रों ने कहा, ट्विटर से इन अकाउंट को बंद करने की यह अपील किसानों के आंदोलन को देखते हुए कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़ने देने के प्रयासों के तहत की गई. जिन अकाउंट को बंद किया गया है, उनमें एक कारवां मैगजीन (Caravan magazine) का भी है. दिल्ली पुलिस ने इनके एडीटर के खिलाफ फर्जी और भ्रामक जानकारी फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है. यह कार्रवाई ट्रैक्टर रैली (Farmers Tractor Rally) के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत से जुड़े मामले में की गई है.
सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम का अकाउंट और किसान एकता मोर्चा के कथित अकाउंट, भारतीय किसान यूनियन के एकता उग्राहां और आप विधायक के अकाउंट को भी बंद किया गया है. सीपीएम ने ट्वीट कर कहा, "...@salimdotcomrade' अकाउंट को सस्पेंड किया गया है. किसान आंदोलन से जुड़े हितों को जोरशोर से उठाने वाले अकाउंट को भी कानूनी आवेदन का हवाला देते हुए निलंबित किया गया है. सीपीएम इसकी निंदा करती है और अस्थायी रोक तुरंत हटाने की मांग करती है."
इन सभी ट्विटर अकाउंट पर सभी कुछ ब्लॉक है और अकाउंट विदहेल्ड यानी रोका गया लिखा है. नीचे लिखा है कि कानूनी एजेंसियों की मांग पर आपके अकाउंट को रोका गया है. ट्विटर की पॉलिसी (Twitter Policy) कहती है कि अगर वैध और उचित दायरे वाला कोई आवेदन किसी अधिकृत एजेंसी से मिलता है तो ट्विटर अकाउंट, कंटेंट को रोका जा सकता है.
ट्विटर ने एक बयान में कहा, लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ कुछ सीमित क्षेत्राधिकार में होती है, जहां की कानूनी एजेंसियों की ओर से ऐसी कोई मांग की जाती है और अगर उस ट्विटर अकाउंट का कंटेंट किसी स्थानीय कानून का उल्लंघन करते पाया जाता है.
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