इनकम टैक्स (Income Tax) से लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) तक तमाम सरकारी एजेंसियों को राहुल नाम के शख़्स की तलाश है. राहुल कुमार दो चीनी कंपनियों (Chinese Companies) में डॉयरेक्टर है और दो में शेयर होल्डर है. इन चीनी कंपनियों पर 1000 करोड़ से ज़्यादा का मनी लॉन्डरिंग (Money laundering) का आरोप है, लेकिन अचरज की बात यह है कि राहुल का परिवार बेहद गरीब है. परिवार उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ के एक गांव में एक कमरे के झोपड़े में रह रहा है.
25 साल के राहुल पर आरोप है कि उसने चीनी कंपनियों के साथ मिलकर हवाला के ज़रिए 1000 करोड़ से ज़्यादा का हेरफ़ेर किया है. लेकिन अलीगढ़ में राहुल के परिवार का घर देखने पर अलग ही नजारा सामने आता है. कच्ची दीवारों की इस झोपड़ी में राहुल के माता-पिता रहते हैं. जब जांच एजेंसी के अधिकारी वहां पहुंचे तो उनके होश उड़ गए. राहुल के पिता श्याम सुंदर का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि उनका बेटा क्या करता था. शुक्रवार से उनके इस टूटे घर में ईडी से लेकर इनकम टैक्स के तमाम अधिकारी आ चुके हैं.
राहुल के पिता श्याम सुंदर ने कहा कि ''हमें नहीं पता कि वो (राहुल) कहां है. ये चीनी कंपनियों ने धोखा किया है. मेरे बेटे के कागज चीनी कंपनी ने रख लिए हैं.'' राहुल के परिवार के मुताबिक़ राहुल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करके नोएडा की एक कंपनी में नौकरी कर रहा था.रविवार से उसका फ़ोन बंद हैं, राहुल की मां कहती हैं कि उनका बेटा निर्दोष है.
शैल कंपनियों की आड़ में करोड़ों का हवाला कारोबार, इनकम टैक्स के छापे; चीनी नागरिक हिरासत में
दरअसल आयकर विभाग ने दिल्ली, गुरुग्राम और गाजियाबाद के दो दर्जन परिसरों में छापेमारी की थी. चीनी कंपनियां हवाला रैकेट चला रहीं थीं. रैकेट का सरगना चार्ली पेंग नाम का चीनी नागरिक है. वह शेल कंपनियां बना कर पैसे का हेरफेर कर रहा था. राहुल का नाम ऐसी ही दो कंपनियों में डॉयरेक्टर के तौर पर है.
एजेंसियों के मुताबिक राहुल जैसे कई और लोग सामने आए हैं जो इन चीनी शेल कंपनियों में डॉयरेक्टर हैं पर पान की गुमटी में काम करते हैं या होटल के वेटर हैं. एजेंसी जांच कर रही है कि क्या वाकई राहुल जैसे लड़के दोषी हैं या फिर चीनी कंपनियों ने इनके कागजों का इस्तेमाल किया है?
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