तेलंगाना में विभिन्न मांगों को लेकर 37 दिनों से चल रही परिवहन कर्मियों की हड़ताल 11 नवंबर से तेज की जाएगी. विभिन्न यूनियनों ने शनिवार को यह घोषणा की. टीएसआरटीसी-संयुक्त कार्य समिति के नेता ई अश्वत्थामा रेड्डी ने कहा कि प्रदर्शनकारी 11 नवंबर को सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के सांसदों, विधान परिषद सदस्यों और विधायकों के निवासों के सामने प्रदर्शन करेंगे और 12 नवंबर को यूनियन के तीन नेता अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे. 13 नवंबर को वे दिल्ली में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग के समक्ष हड़ताल के शुरू होने से लेकर अब तक हुए कर्मचारियों के कथित उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराएंगे.
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रेड्डी ने कहा कि कर्मी 18 नवंबर को राज्यभर में सड़कों को जाम करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार से तेलंगाना उच्च न्यायालय के निर्देश का सम्मान करने और आरटीसी कर्मियों को वार्ता के लिए बुलाने की अपील की. निगम के करीब 48000 कर्मी आरटीसी का परिवहन विभाग में विलय, वेतन संशोधन और अन्य मांगों को लेकर पांच अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.
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इस हड़ताल पर कठोर रूख अपनाते हुए मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर ने कहा था कि किसी भी स्थिति में आरटीसी का सरकार में विलय नहीं किया जाएगा. इस हड़ताल को अवैध करार देते हुए उन्होंने कहा कि इससे लोगों को बहुत असुविधा हुई.
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