निकिता जैकब ने जूम मीटिंग की बात कबूली, कहा- 'टूलकिट' में कोई 'साजिश' नहीं; दिया पूरी घटना का टाइमलाइन

निकिता जैकब ने अपनी याचिका में कोर्ट को दिल्ली पुलिस के दावों को लेकर बयान दिए हैं. उन्होंने बताया है कि कैसे किसान आंदोलन को समर्थन देने और इस मुद्दे को उठाने की तैयारी की गई थी. उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है.

निकिता जैकब ने जूम मीटिंग की बात कबूली, कहा- 'टूलकिट' में कोई 'साजिश' नहीं; दिया पूरी घटना का टाइमलाइन

Toolkit Case : निकिता जैकब ने बताया है कि कैसे किसान आंदोलन के समर्थन की तैयारी की गई थी.

मुंबई :

Delhi Police Toolkit Case : दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज किए गए टूलकिट केस (Toolkit Case) में गैर-जमानती अरेस्ट वारंट का सामना कर रहीं लॉयर एक्टिविस्ट निकिता जैकब ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है. हाईकोर्ट में दाखिल ट्रांजिट अग्रिम जमानत अर्जी के साथ दाखिल एक दस्तावेज में निकिता जैकब ने दिल्ली पुलिस को दिए बयान का उल्लेख किया है. बयान में घटनाओं की तारीख के उल्लेख के साथ विवरण दिया गया है.

उन्होंने बताया है कि 11 जनवरी को पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ हुई जूम कॉल मीटिंग के संदर्भ में लिखा है कि उस मीटिंग में विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग थे और होस्ट यानी कि मेजबान ने यह स्पष्ट किया था कि अभियान का कोई राजनीतिक या धार्मिक रंग रूप नही होगा. फोकस में सिर्फ किसानों के मुद्दे थे. मीटिंग के होस्ट ने यह भी बताया था कि सामग्री सार्वजनिक डोमेन में रहेगी. 

निकिता ने अपने बयान में कहा है कि वो दूसरे अन्य कई कार्यकर्ताओं की तरह, शांतिपूर्ण भागीदारी को प्रोत्साहित करने और किसानों के विरोध के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए शोध और प्रचार कर रही थीं और उनका अपना कोई राजनीतिक, धार्मिक या वित्तीय उद्देश्य नहीं था. उन्होंने यह भी कहा है कि उनका आम आदमी पार्टी के साथ कोई संबंध नहीं है.

निकिता के बयान के मुताबिक, पूरे घटनाक्रम की टाइमलाइन कुछ ऐसी है- 

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- 21 नवंबर को, एक पर्यावरण से जुड़े आंदोलन XR (Extinction Rebellion) इंडिया (निकिता इस आंदोलन से जुड़ी हुई हैं) और अन्य आंदोलनों से जुड़े संगठनों ने भारत में पर्यावरणविदों और किसानों के गठबंधन से तालमेल शुरू किया. 
- 25 नवंबर को इन समूहों ने 'ग्रीन विद फार्मर्स' के नाम से एक सार्वजनिक बयान जारी कर किसानों के साथ एकजुटता की घोषणा की.
- 1 और 2 दिसंबर को किसान एकजुटता अभियान के बारे में प्रचार और प्रसार के लिए XR इंडिया ने एक ईमेल अकाउंट बनाया.
- 2 और 3 दिसंबर तक सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध विरोध प्रदर्शनों की सूची तैयार की गई और एक उचित डेटाबेस की आवश्यकता महसूस कर उसे बनाने की शुरुआत की गई.
- 6 दिसंबर को एक व्हाट्सऐप ग्रुप (Intl farmer strike) बनाया गया, जिसमें निकिता को भी जोड़ा गया.
- 7 दिसंबर तक  विरोध के प्लान का पूरा ख़ाका तैयार कर लिया गया था.
- 11 दिसंबर को Kisanekta.co ने इंस्टाग्राम के माध्यम से पूछा कि क्या वे अपनी वेबसाइट पर इसे अपलोड कर सकते हैं?
- 13 दिसंबर को Kisanekta.co ने कई सूत्रों से मिली जानकारी के रूप में विरोध प्लान को अपलोड कर दिया.
- 8 जनवरी को XR को #AskIndiawhy अभियान के बारे में और जानने के लिए Google लिंक के साथ Kisanekta.co से एक संदेश मिला. XR इंडिया ने उसे साइन अप किया.
- 11 जनवरी को  जूम कॉल मीटिंग हुई.
- 12 जनवरी को अन्य स्वयंसेवकों को इस मुद्दे को समझाने के लिए सोशल मीडिया पर सूचनात्मक सत्रों की तैयारी शुरू करने का फैसला हुआ.
- 17 जनवरी को आंदोलन की पूरी तस्वीर पेश करने, अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को देने और शांतिपूर्ण तरीके से समर्थन देने के इरादे से XR इंडिया के साथ निकिता और अन्य ने मिलकर जानकारी तैयार की.
- 18 जनवरी के आसपास- #AskIndiawhy वेबसाइट तैयार थी और अभियान सामग्री को अपडेट किया जा चुका था. दुनिया भर के XR के वॉलंटियर्स किसान विरोध प्रदर्शन को नोटिस कर रहे थे.
- 22 जनवरी को सॉलिडैरिटी वीडियो नेटवर्क में शेयर किए गए. 
- 22 जनवरी को ही ग्लोबल फार्मर्स स्ट्राइक इंफॉर्मेशन पोस्ट तैयार की गई और XR ने इसे साझा किया. बाद में इसे अन्य आंदोलनों ने भी साझा किया. निकिता और अन्य ने 26 जनवरी को सोशल मीडिया लाइव की योजना बनाई.
- 24 जनवरी को  तैयार मैटीरियल Mycorrhzia Network द्वारा पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन को भेज दिया गया. उसके बाद निकिता ने व्हाट्सऐप ग्रुप छोड़ दिया क्योंकि सोशल मीडिया लाइव के लिए कॉर्डिनेशन के अधिकांश काम पूरे हो गए थे.
- 26 जनवरी को निकिता ने इंस्टाग्राम लाइव होस्ट किया.