नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस कांस्टेबल की मौत मामले में यहां की एक अदालत ने दो आरोपियों की याचिकाओं पर शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) को अपने दो स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखने का निर्देश दिया।
महानगर दंडाधिकारी अम्बिका सिंह ने कहा, "चूंकि जांच अधिकारी सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की दिशा में कदम उठा चुके हैं, इसलिए न्यायिक प्रक्रिया खत्म होने तक यदि उन्हें संरक्षित रखा जाए तो इसमें कोई हानि नहीं है।"
ज्ञात हो कि सिंह ने जांच अधिकारी को 23 दिसम्बर को रिठाला और राजीव चौक मेट्रो स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों में दर्ज फुटेज को संरक्षित करने का निर्देश दिया था।
इससे पहले दिन में, अपनी रिपोर्ट दाखिल करते हुए दिल्ली मेट्रो ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज को केवल सात दिनों तक ही संरक्षित रखा जा सकता है। इसके बाद वे स्वत: मिट जाते हैं।
डीएमआरसी की स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है, "23 दिसम्बर को रिठाला और राजीव चौक मेट्रो स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों में दर्ज अपराह्न् तीन से छह बजे तक के उपलब्ध फुटेज संरक्षित कर लिए गए हैं और ये पुलिस की जांच के लिए उपलब्ध हैं। अदालत या जांच एजेंसियों को जब भी जरूरत होगी, उन्हें ये सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध करा दिए जाएंगे।"
रिपोर्ट में कहा गया है, "सीसीटीवी फुटेज कंप्यूटर सिस्टम में केवल सात दिन संरक्षित रहते हैं, इसके बाद सिस्टम उन्हें स्वत: मिटा देता है। डीएमआरसी की नीति के अनुसार सीसीटीवी फुटेज केवल जांच एजेंसियों या अदालत के आदेश पर मुहैया कराए जाते हैं।"
गौरतलब है कि याचिकाकर्ताओं कैलाश जोशी और अमित जोशी की ओर से पेश वकील सोमनाथ भारती ने अदालत से अपील की थी वह डीएमआरसी को सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने का निर्देश दे।
अदालत ने जोशी बंधुओं की याचिकाओं पर गौर करते हुए गुरुवार को डीएमआरसी को सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने का निर्देश देते हुए पुलिस की अपराध शाखा तथा डीएमआरसी से जवाब तलब किया था। कैलाश और अमित जोशी को 23 दिसम्बर को इंडिया गेट पर हिंसक प्रदर्शन होने के बाद गिरफ्तार किया गया था। यह प्रदर्शन 23 वर्षीया युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के खिलाफ कई दिनों से चल रहे आंदोलन का हिस्सा था।
हिंसक प्रदर्शन के दौरान घायल कांस्टेबल सुभाष चंद तोमर की दो दिन बाद 25 दिसम्बर को मौत हो गई थी।
जोशी बंधुओं ने अदालत में याचिका दायर कर कहा है कि घटना के दौरान वे मेट्रो रेल से यात्रा कर रहे थे। सबूत के तौर पर रिठाला और राजीव चौक मेट्रो स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेजों को देखा जा सकता है। इसलिए उन सीसीटीवी फुटेजों को संरक्षित कर उन्हें सबूत मुहैया कराया जाए।
वहीं, अपराध शाखा ने अदालत से कहा कि मामले की जांच प्रारंभिक अवस्था में है। कैलाश और अमित को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया जाए, ताकि सीसीटीवी फुटेजों की जांच कर दोनों आरोपियों द्वारा मेट्रो से यात्रा के दौरान अपनाए गए मार्ग का सत्यापन किया जा सके।
अपराध शाखा ने सीसीटीवी फुटेजों की जांच के बाद स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से एक हफ्ते का समय मांगा है।
महानगर दंडाधिकारी अम्बिका सिंह ने कहा, "चूंकि जांच अधिकारी सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की दिशा में कदम उठा चुके हैं, इसलिए न्यायिक प्रक्रिया खत्म होने तक यदि उन्हें संरक्षित रखा जाए तो इसमें कोई हानि नहीं है।"
ज्ञात हो कि सिंह ने जांच अधिकारी को 23 दिसम्बर को रिठाला और राजीव चौक मेट्रो स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों में दर्ज फुटेज को संरक्षित करने का निर्देश दिया था।
इससे पहले दिन में, अपनी रिपोर्ट दाखिल करते हुए दिल्ली मेट्रो ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज को केवल सात दिनों तक ही संरक्षित रखा जा सकता है। इसके बाद वे स्वत: मिट जाते हैं।
डीएमआरसी की स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है, "23 दिसम्बर को रिठाला और राजीव चौक मेट्रो स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों में दर्ज अपराह्न् तीन से छह बजे तक के उपलब्ध फुटेज संरक्षित कर लिए गए हैं और ये पुलिस की जांच के लिए उपलब्ध हैं। अदालत या जांच एजेंसियों को जब भी जरूरत होगी, उन्हें ये सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध करा दिए जाएंगे।"
रिपोर्ट में कहा गया है, "सीसीटीवी फुटेज कंप्यूटर सिस्टम में केवल सात दिन संरक्षित रहते हैं, इसके बाद सिस्टम उन्हें स्वत: मिटा देता है। डीएमआरसी की नीति के अनुसार सीसीटीवी फुटेज केवल जांच एजेंसियों या अदालत के आदेश पर मुहैया कराए जाते हैं।"
गौरतलब है कि याचिकाकर्ताओं कैलाश जोशी और अमित जोशी की ओर से पेश वकील सोमनाथ भारती ने अदालत से अपील की थी वह डीएमआरसी को सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने का निर्देश दे।
अदालत ने जोशी बंधुओं की याचिकाओं पर गौर करते हुए गुरुवार को डीएमआरसी को सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने का निर्देश देते हुए पुलिस की अपराध शाखा तथा डीएमआरसी से जवाब तलब किया था। कैलाश और अमित जोशी को 23 दिसम्बर को इंडिया गेट पर हिंसक प्रदर्शन होने के बाद गिरफ्तार किया गया था। यह प्रदर्शन 23 वर्षीया युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के खिलाफ कई दिनों से चल रहे आंदोलन का हिस्सा था।
हिंसक प्रदर्शन के दौरान घायल कांस्टेबल सुभाष चंद तोमर की दो दिन बाद 25 दिसम्बर को मौत हो गई थी।
जोशी बंधुओं ने अदालत में याचिका दायर कर कहा है कि घटना के दौरान वे मेट्रो रेल से यात्रा कर रहे थे। सबूत के तौर पर रिठाला और राजीव चौक मेट्रो स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेजों को देखा जा सकता है। इसलिए उन सीसीटीवी फुटेजों को संरक्षित कर उन्हें सबूत मुहैया कराया जाए।
वहीं, अपराध शाखा ने अदालत से कहा कि मामले की जांच प्रारंभिक अवस्था में है। कैलाश और अमित को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया जाए, ताकि सीसीटीवी फुटेजों की जांच कर दोनों आरोपियों द्वारा मेट्रो से यात्रा के दौरान अपनाए गए मार्ग का सत्यापन किया जा सके।
अपराध शाखा ने सीसीटीवी फुटेजों की जांच के बाद स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से एक हफ्ते का समय मांगा है।
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