केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि अगले एक साल में सभी टोल बूथ को हटा दिया जाए और टोल की राशि जीपीएस इमेजिंग (GPS imaging) के जरिये जमा की जाएगी. गडकरी ने यह बात गुरुवार को संसद में कही. उन्होंने कहा, 'मैं सदन को आश्वस्त करता हूं एक साल के अंदर सब टोल निकल जाएंगे. इसका अर्थ यह है कि टोल नहीं रहेंगें लेकिन कैमरे रहेंगे जो इससे आपके आने और जाने पर पैसे कट जाएंगे. 'गडकरी ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान कई स्थानों पर शहरी इलाकों के भीतर टोल बनाए गए जो ‘गलत और अन्यायपूर्ण' हैं और इन्हें हटाने का कार्य एक साल में पूरा हो जाएगा.
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उन्होंने कहा कि शहरों के भीतर पहले बनाए गए टोल एक साल में हटा दिए जाएंगे. इस तरह के टोल में ‘चोरियां' बहुत होती थीं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब गाड़ियों में ऐसा सिस्टम लगाया जाएगा जिसकी मदद से टोल शुल्क का भुगतान हो सकेगा और इसके बाद शहर के अंदर इस तरह के टोल की जरूरत नहीं होगी. गडकरी ने कहा, ‘‘इस तरह के टोल को शहरों के अंदर से हटाने का काम एक साल में पूरा हो जाएगा.''
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एक अन्य सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा, ‘‘90 फीसदी जमीन अधिग्रहण किए बिना हम परियोजना आवंटित नहीं करते. जमीन का अधिग्रहण करने के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाती है.'' सड़क परिवहन मंत्री ने दीपक बैज के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि रायपुर से विशाखापट्नम के बीच ग्रीन हाईवे को मंजूरी दी गई है. काम शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ साल में काम पूरा होने की संभावना है और इससे कई राज्यों के लोगों को फायदा होगा.
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