प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
रायपुर:
‘असहिष्णुता’ पर बहस के बीच शांति, एकता और सौहार्द पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोगों से एक-दूसरे की परंपराओं और नजरिए का सम्मान करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना विकास में बाधा डाल सकता है।
विविधता वाले देश में सौहार्द हमारी शक्ति
प्रधानमंत्री ने यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रीय युवा महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारा विविधता वाला देश है। यह हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। सौहार्द हमारी शक्ति है।’ उन्होंने रेखांकित किया कि उनकी सरकार देश के विकास के लिए काम कर रही है। मोदी ने कहा, ‘अगर हम सौहार्द, जुड़ाव भावना बनाकर नहीं रखेंगे तो हम प्रगति नहीं कर पाएंगे। अगर एकता और सौहार्द नहीं होगा, अगर हम एक-दूसरे की परंपराओं और नजरिए का सम्मान नहीं करेंगे तो विकास की राह में व्यवधान आ सकता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर शांति, एकता और सौहार्द नहीं होगा तो समृद्धि, संपन्नता और रोजगार सृजन का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।
शांति-एकता ही प्रगति की गारंटी
उन्होंने स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर आयोजित चार दिवसीय कार्यक्रम के लिए एकत्रित युवाओं से कहा, ‘इसलिए यह समय की मांग है कि हम शांति, एकता और सौहार्द बनाकर रखें। यह देश की प्रगति के लिए गारंटी है।’ मोदी ने कहा कि भारत ने विश्व को दिखाया है कि सैकड़ों भाषाओं, अलग-अलग क्षेत्रों और इतनी विविधता वाला देश शांति के साथ रह सकता है।
बचाकर रखनी है हमारी संस्कृति
उन्होंने इस संबंध में विवेकानंद की शिक्षा का जिक्र करते हुए कहा, ‘यह हमारी संस्कृति है, हम इस संस्कृति में पले-बढ़े हैं, हमें इसे बचाकर रखना है।’ मोदी ने कहा, ‘हमें एकता बढ़ानी है और सौहार्द का सेतु मजबूत करना है।’ कुछ महीने पहले गौमांस खाने की अफवाहों पर उत्तर प्रदेश के दादरी में एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या के बाद शुरू ‘असहिष्णुता’ पर बहस के बीच, प्रधानमंत्री की यह टिप्पणियां महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
विविधता वाले देश में सौहार्द हमारी शक्ति
प्रधानमंत्री ने यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रीय युवा महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारा विविधता वाला देश है। यह हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। सौहार्द हमारी शक्ति है।’ उन्होंने रेखांकित किया कि उनकी सरकार देश के विकास के लिए काम कर रही है। मोदी ने कहा, ‘अगर हम सौहार्द, जुड़ाव भावना बनाकर नहीं रखेंगे तो हम प्रगति नहीं कर पाएंगे। अगर एकता और सौहार्द नहीं होगा, अगर हम एक-दूसरे की परंपराओं और नजरिए का सम्मान नहीं करेंगे तो विकास की राह में व्यवधान आ सकता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर शांति, एकता और सौहार्द नहीं होगा तो समृद्धि, संपन्नता और रोजगार सृजन का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।
शांति-एकता ही प्रगति की गारंटी
उन्होंने स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर आयोजित चार दिवसीय कार्यक्रम के लिए एकत्रित युवाओं से कहा, ‘इसलिए यह समय की मांग है कि हम शांति, एकता और सौहार्द बनाकर रखें। यह देश की प्रगति के लिए गारंटी है।’ मोदी ने कहा कि भारत ने विश्व को दिखाया है कि सैकड़ों भाषाओं, अलग-अलग क्षेत्रों और इतनी विविधता वाला देश शांति के साथ रह सकता है।
बचाकर रखनी है हमारी संस्कृति
उन्होंने इस संबंध में विवेकानंद की शिक्षा का जिक्र करते हुए कहा, ‘यह हमारी संस्कृति है, हम इस संस्कृति में पले-बढ़े हैं, हमें इसे बचाकर रखना है।’ मोदी ने कहा, ‘हमें एकता बढ़ानी है और सौहार्द का सेतु मजबूत करना है।’ कुछ महीने पहले गौमांस खाने की अफवाहों पर उत्तर प्रदेश के दादरी में एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या के बाद शुरू ‘असहिष्णुता’ पर बहस के बीच, प्रधानमंत्री की यह टिप्पणियां महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
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