नई दिल्ली:
हिंसा से पीड़ित महिलाओं को चिकित्सा, कानूनी और मानसिक सहायता मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार देशभर में 660 'वन स्टॉप सेंटर' खोलने के लक्ष्य की दिशा में काम कर रही है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि यह योजना सबसे पहली बार एक अप्रैल, 2015 को लागू की गई थी और उस समय देश के विभिन्न भागों में 17 ओएससी स्थापित किए गए थे।
मेनका गांधी ने बताया कि पहले चरण के सफलतापूर्वक क्रियान्वित होने के बाद अप्रैल, 2017 तक देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे और 150 ओएससी स्थापित करने का लक्ष्य है।
मंत्री ने बताया, "हमारा मकसद ज़रूरत पड़ने पर 660 वन स्टॉप सेंटर खोलने का है..." उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए धन निर्भया कोष से उपयोग किया गया है। मेनका गांधी ने बताया कि जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रबंधन समिति इन केंद्रों के प्रशासन के लिए जिम्मेदार हैं।
एक सदस्य के पूरक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह विधि मंत्री से अपील करेंगी कि महिलाओं से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए देश में फास्ट ट्रैक अदालतें गठित की जाएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि यह योजना सबसे पहली बार एक अप्रैल, 2015 को लागू की गई थी और उस समय देश के विभिन्न भागों में 17 ओएससी स्थापित किए गए थे।
मेनका गांधी ने बताया कि पहले चरण के सफलतापूर्वक क्रियान्वित होने के बाद अप्रैल, 2017 तक देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे और 150 ओएससी स्थापित करने का लक्ष्य है।
मंत्री ने बताया, "हमारा मकसद ज़रूरत पड़ने पर 660 वन स्टॉप सेंटर खोलने का है..." उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए धन निर्भया कोष से उपयोग किया गया है। मेनका गांधी ने बताया कि जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रबंधन समिति इन केंद्रों के प्रशासन के लिए जिम्मेदार हैं।
एक सदस्य के पूरक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह विधि मंत्री से अपील करेंगी कि महिलाओं से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए देश में फास्ट ट्रैक अदालतें गठित की जाएं।
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