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This Article is From May 06, 2020

अब तक 122 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलीं, सवा लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर मंजिल तक पहुंचाए गए: रेलवे

रेलवे ने प्रवासी कामगारों के लिए मंगलवार रात तक 88 ट्रेनें चलाईं. ये प्रवासी कामगार कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लागू किए गए लॉकडाउन के कारण कार्यस्थलों पर फंस गए थे. प्रत्येक विशेष ट्रेन में 24 डिब्बे हैं और हर डिब्बे में 72 सीट हैं.

अब तक 122 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलीं, सवा लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर मंजिल तक पहुंचाए गए: रेलवे
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

रेलवे ने बुधवार को कहा कि उसने एक मई से अब तक 122 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, जिनमें लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों से फंसे हुए सवा लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को मंजिल तक पहुंचाया गया. रेलवे ने कहा कि बुधवार के लिए जिन 42 ट्रेनों की योजना बनाई गई है, उनमें से 26 ट्रेन दिन में रवाना हो भी गई हैं जबकि 16 ट्रेनें रात को चलेंगी. रेलवे ने प्रवासी कामगारों के लिए मंगलवार रात तक 88 ट्रेनें चलाईं. ये प्रवासी कामगार कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लागू किए गए लॉकडाउन के कारण कार्यस्थलों पर फंस गए थे. प्रत्येक विशेष ट्रेन में 24 डिब्बे हैं और हर डिब्बे में 72 सीट हैं. लेकिन एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के नियम का पालन हो, इसके लिए रेलवे द्वारा एक डिब्बे में 54 यात्रियों को ही बैठाया जा रहा है. मुम्बई से प्राप्त समाचार के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि रेलवे ने जब से श्रमिक स्पेशल सेवा शुरू की है तब से 25 ट्रेनों ने राज्य से प्रवासी श्रमिकों को उनके संबंधित राज्यों में पहुंचाया है.

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘(अवर मुख्य सचिव) नितिन करीर ने मंत्रिमंडल को सूचित किया है कि अबतक राज्य से 25 विशेष ट्रेनें प्रवासी मजदूरों को लेकर रवाना हुईं। पश्चिम बंगाल और कर्नाटक अपवाद हैं.' इस बीच, कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को अगले पांच दिनों में राज्य से चलने वाली 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया. हालांकि उसने कहा कि बेंगलुरु से बिहार के लिए तीन ट्रेन तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार रवाना होंगी. रेलवे ने अभी तक आधिकारिक तौर पर यह खुलासा नहीं किया है कि इन सेवाओं पर कितना पैसा खर्च हुआ है, हालांकि सरकार ने कहा है कि 85 और 15 के अनुपात में राज्यों के साथ खर्च वहन किया गया. अधिकारियों ने संकेत दिए हैं रेलवे ने प्रत्येक सेवा पर 80 लाख रुपये खर्च किए.

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मंगलवार की सुबह तक गुजरात से करीब 35 ट्रेन रवाना हुईं, जबकि केरल से 13 रेलगाड़ियां रवाना हुईं. इसके अलावा 13 ट्रेन बिहार पहुंच गईं हैं और 11 ट्रेन रास्ते में हैं, जबकि छह और चलाए जाने की योजना है. आंकड़ों के मुताबिक, 10 ट्रेन उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी हैं और पांच ट्रेन रास्ते हैं व 12 और चलाई जानी हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने केवल दो ट्रेनों को मंजूरी दी है जिनमें से एक राजस्थान और दूसरी केरल से है. ये ट्रेनें रास्ते में हैं. झाऱखंड में चार ट्रेन पहुंच चुकी हैं जबकि पांच रास्ते में हैं. राज्य के लिए दो और ट्रेन चलाये जाने की योजना है. ओडिशा में सात ट्रेन पहुंच चुकी है और पांच रास्ते में हैं. एक और चलाये जाने की योजना है. इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने दिल्ली में फंसे राज्य के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को ट्रेन से वापस लाने का निर्णय किया है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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