Chhath Puja 2025 Chhathi Maiya Ki Aarti in Hindi: हिंदू धर्म में कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा के नाम से जाना जाता है जो कि षष्ठी देवी को समर्पित है. सनतान परंपरा में षष्ठी या फिर छठी मैया संतान सुख को दिलाकर उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि करने वाली मानी गई हैं. छठी मैया के लिए रखा जाने वाला छठ व्रत पहले मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, ओडिशा आदि राज्यों में मनाया जाता है, लेकिन अब लोक आस्था से जुड़ा पर्व देश के कोने-कोने में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. छठ पर्व के आते ही देश के तमाम जल तीर्थों पर छठी मैया के गीत गुंजायमान होने लगते हैं.
छठी मैया को बच्चों की रक्षा करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार जब भी किसी शिशु का जन्म होता है तो छठी माता उसके साथ 6 दिनों तक रहकर उसकी रक्षा करती हैं. छठी मैया को भगवान ब्रह्मा जी की मानसपुत्री देवसेना कहा गया है. जिनका प्राकट्य प्रकृति के छठवें अंश से हुआ है. यही कारण है कि इन्हें षष्ठी माता या फिर छठी मैया कहकर बुलाया जाता है.
Chhath Puja: कौन हैं छठी मइया, कैसे शुरू हुई छठ पूजा, सूर्य को अर्घ्य देने के पीछे क्या है कहानी?

मान्यता ये भी है कि छठी मैया की पहली पूजा भगवान सूर्य देव ने ही की थी. हिंदू मान्यता के अनुसार जिस छठी मैया की पूजा त्रेतायुग में भगवान राम और माता सीता ने और द्वारपरयुग में द्रौपदी और पांडवों ने की थी, उनकी छठ पूजा के दिन विधि-विधान से साधना-आराधना करने पर सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. आइए छठी मैया का गुणगान करने वाली आरती का पाठ करते हैं.
छठी मैया की आरती | Chhathi Maiya Ki Aarti
जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए.
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए..
जय छठी मैया...
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदिति होई ना सहाय.
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए..
जय छठी मैया...
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय..
जय छठी मैया...
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडरराए.
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए..
जय छठी मैया...
ऊ जे सुहनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय.
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए..
जय छठी मैया...

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय..
जय छठी मैया...
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए.
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए..
जय छठी मैया...
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय.
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए..
जय छठी मैया...
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय..
जय छठी मैया...
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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