प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में घोर पराजय के बाद भी वह वोट-बैंक की राजनीति नहीं छोड़ पाई है और समाज के तानेबाने को तोड़ने में लगी है।
शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के 60 दिन के काम ने भरोसा पैदा किया है कि जनता की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 60 साल देश चलाने वाले हमसे 60 दिन में ही काम का हिसाब मांग रहे हैं।
मोदी ने लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा की शनिवार को हुई पहली राष्ट्रीय परिषद की बैठक के अपने समापन भाषण में कहा, हिन्दुस्तान में कुछ छोटी-मोटी घटनाएं घट रहीं हैं। हिंसा की घटनाओं को भाजपा कभी स्वीकार नहीं कर सकती। शांति, प्रगति और भाईचारा विकास की पूर्व शर्त है और उससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। सबका साथ, सबका विकास इसलिए हमारा मूल मंत्र है और इसे लेकर हम चल रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा, लेकिन वे लोग इतनी घोर पराजय के बाद भी वोट-बैंक की राजनीति नहीं छोड़ पाए हैं और समाज के तानेबाने को तोड़ने में लगे हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक अखबार से बातचीत में कथित तौर पर कहा है कि गैर-बराबरी, गरीबी जैसे असली दुश्मनों से लड़ने में लोगों को एकजुट होने से रोकने और गरीबों को आपस में बांटने की रणनीति के तहत देश में खासतौर से उत्तर प्रदेश में बनावटी और जानबूझकर सांप्रदायिक विवाद पैदा किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव में देश की जनता ने अपना कर्तव्य निभा दिया और अब अपना कर्तव्य निभाने की बारी हमारी है। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार अपने कर्तव्यों को निभाने और किसी भी कठोर से कठोर मानदंड पर खरा उतरने में सफल रहेगी। मोदी ने कहा कि और सब पार्टियों की तुलना में भाजपा को परखने और देखने की कसौटी और तराजू अलग हैं। हम इस चुनौती को स्वीकार करते हैं और विश्वास जताते हैं कि पार्टी कठोर से कठोर मानदंड और कसौटी पर खरा उतरेगी।
मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद नई सरकार के मद्देनजर भारत के प्रति दुनिया का नजरिया एकदम बदल गया है और विश्व में अब हिन्दुस्तान का डंका बजेगा।
(इनपुट भाषा से भी)
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