त्रिपुरा में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद तीसरे मोर्चे की राजनीति गरमाई

तृणमूल संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एनडीटीवी से कहा, "बीजेपी का टार्गेट बंगाल है और हमारा लाल किला. 2019 में मोदी जी लाल किला पर झंडा नहीं फहराएंगे. कोई और फहराएगा."

त्रिपुरा में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद तीसरे मोर्चे की राजनीति गरमाई

NDTV से बात करते तृणमूल संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन

नई दिल्‍ली:

त्रिपुरा में बीजेपी को मिली बड़ी जीत का असर राष्ट्रीय राजनीति पर साफ तौर पर दिखने लगा है. विपक्षी खेमे में, विशेषकर क्षेत्रीय दलों में तीसरे मोर्चे के विकल्प को लेकर सुगबुगाहट तेज़ हो गयी है. साथ ही, बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच ज़ुबानी जंग भी. तृणमूल संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एनडीटीवी से कहा, "बीजेपी का टार्गेट बंगाल है और हमारा लाल किला. 2019 में मोदी जी लाल किला पर झंडा नहीं फहराएंगे. कोई और फहराएगा." त्रिपुरा का ख़तरा बंगाल पर मंडराता देख टीएमसी ने बचाव के लिए हमला बोल दिया. साथ में दूसरे दलों को जोड़ने की कोशिश भी. रविवार को ममता बनर्जी ने तेलंगाना राष्ट्र समिति और डीएमके के नेता स्टालीन से बात की.

के चंद्रशेखर राव रविवार को ही कह चुके हैं कि देश में परिवर्तन की ज़रूरत है और इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर वो हर संभव पहल करने को तैयार हैं. बीजेपी ने साफ कर दिया है कि त्रिपुरा के बाद अब उसके निशाने पर बंगाल और ओडिशा हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय सहस्रबुद्धे ने एनडीटीवी से कहा, "हमें जनता का विश्वास जीतते हुए बंगाल और उड़ीसा में सत्ता में आना है. हम बंगाल में भी जीतेंगे." हालांकि कांग्रेस कह रही है कि फिलहाल तीसरे मोर्चे की संभावना नहीं है.

कांग्रेस नेता और लोक सभा सांसद पी एल पुनिया ने एनडीटीवी से कहा, "हर क्षेत्रीय दल का नेता चाहता है कि वो तीसरे मोर्चे को लीड करे. हर लीडर पीएम बनना चाहता है. लेकिन दूर-दूर तक तीसरे मोर्चे की कोई संभावना नहीं है." त्रिपुरा के नतीजों का असर पश्चिम बंगाल की राजनीति के साथ-साथ पूरे विपक्षी खेमें पर साफ दिख रहा है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री की ममता बनर्जी के साथ बातचीत को इसी घटनाक्रम के साथ जोड़कर देखा जा रहा है. अब देखना होगा कि बंगाल में बीजेपी के खिलाफ ममता बनर्जी क्या रणनीति अख्तियार करती हैं.

VIDEO: तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट शुरू


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