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This Article is From Apr 12, 2016

मंगलमय मंगलवार : ये तीन खुशखबरियां भारत के बेहतर भविष्य की बढ़ा रही हैं उम्मीद

मंगलमय मंगलवार : ये तीन खुशखबरियां भारत के बेहतर भविष्य की बढ़ा रही हैं उम्मीद
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: देश की अर्थव्यवस्था के लिए मंगलवार एक शुभ दिन साबित हुआ। मानसून की आधिकारिक भविष्यवाणी में औसत से अधिक बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया। उपभोक्ता महंगाई दर घटकर छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई और तीन महीने की लगातार गिरावट के बाद औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई।

मेघों के खूब बरसने की उम्मीद
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि लगातार दो साल सूखा पड़ने के बाद देश में 2016 में औसत या इससे अधिक मानसूनी बारिश होने की संभावना 94 फीसदी है। आईएमडी की ओर से जून-सितंबर मानसून ऋतु के लिए यहां जारी प्रथम पूर्वानुमान में यह बात कही गई।

औद्योगिक उत्पादन और महंगाई को लेकर भी अच्छी खबर
इसके बाद अर्थव्यवस्था के दोहरे शुभ संकेत के तौर पर केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने कहा कि देश का औद्योगिक उत्पादन तीन महीने तक लगातार गिरावट दर्ज करने के बाद फरवरी महीने में दो फीसदी बढ़ा। जबकि, मार्च महीने के लिए देश की उपभोक्ता महंगाई दर घटकर 4.83 फीसदी दर्ज की गई, जो फरवरी में 5.26 फीसदी थी।

उपभोक्ता खाद्य महंगाई दर भी मार्च में घटकर 5.21 फीसदी रही, जो एक महीने पहले 5.30 फीसदी थी। औद्योगिक उत्पादन क्षेत्र में फरवरी में विनिर्माण क्षेत्र में हालांकि मामूली 0.7 फीसदी विकास दर्ज किया गया। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर 6.05 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी हो गई, वहीं शहरी क्षेत्रों में यह दर 4.30 फीसदी से घटकर 3.95 फीसदी रह गई। औद्योगिक उत्पादन के मामले में फरवरी में बिजली उत्पादन 9.6 फीसदी बढ़ा और खनन उत्पादन पांच फीसदी बढ़ा।

बेहतर मानसून की उम्मीद से शेयर बाजार में भी उछाल
मानसून की बेहतर भविष्यवाणी की उम्मीद में शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों में तेजी दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 123.43 अंकों की तेजी के साथ 25,145.59 पर बंद हुआ। सोमवार को भी सेंसेक्स में 348 अंकों की तेजी रही थी। उद्योग जगत ने भी मानसून की बेहतर भविष्यवाणी पर उत्साह जताया।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, 'पूर्वानुमान उद्योग जगत के लिए माहौल बदलने वाला हो सकता है, क्योंकि ग्रामीण मांग बढ़ने से निवेश का चक्र भी बदलेगा। इससे देश की विकास दर बढ़कर आठ फीसदी तक पहुंच सकती है।'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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