विज्ञापन
This Article is From Mar 13, 2013

भारत ने चेताया, इटली ने की अंतरराष्ट्रीय समाधान की पेशकश

नई दिल्ली: भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी को लौटाने के सवाल पर भारत और इटली के बीच पैदा हुई खटास ने बुधवार को उग्र रूप ले लिया। नई दिल्ली ने बुधवार को रोम को न्यायपालिका का सामना करने के लिए आरोपियों को सौंपने से इनकार का द्विपक्षीय संबंधों में 'परिणाम' की चेतावनी दी। इटली के इनकार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 'अस्वीकार योग्य' करार दिया है।

इतालवी सरकार ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक कानूनी विवाद का समाधान करने के लिए तैयार है, क्योंकि समुद्री सुरक्षाकर्मी रोम की एक अदालत में सुनवाई का सामना कर रहे हैं।

संसद में कड़ा लहजा अपनाते हुए प्रधानमंत्री ने प्रमुख यूरोपीय शक्ति के खिलाफ कूटनीतिक प्रहार करते हुए कहा कि यदि इटली अपने वादे पूरे नहीं करता तो उसे 'परिणाम' भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि इटली का यह कदम स्वीकार्य योग्य नहीं है। उसने (इटली ने) सभी कूटनीतिक नियमों को ताक पर रख दिया है और एक संप्रभु सरकार के मान्य प्रतिनिधि द्वारा हमारे सर्वोच्च न्यायालय में जताई गई वचनबद्धता को सवाल के दायरे में ला दिया है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने इटली के फैसले को 'शत्रुतापूर्ण कार्रवाई' करार देते हुए सरकार से इस मामले में 'कूटनीति भूलकर' कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया।

भारत की यह प्रतिक्रिया इटली के यह सूचित करने के बाद कि दोनों समुद्री सुरक्षाकर्मी मेस्सिमिलिआनो लाटोरे तथा सेल्वाटोरे गिरोने भारत नहीं लौटेंगे। दोनों के खिलाफ केरल तट के पास दो भारतीय मछुआरों की हत्या करने के मामले की अदालत में सुनवाई चल रही है।

दोनों का कहना है कि मछुआरों को समुद्री लुटेरा समझ लेने के कारण उनसे यह चूक हुई।

भारत ने मंगलवार को इटली के राजदूत डेनिएले मैंसिनी को तलब कर कड़े लहजे में संदेश दिया कि दोनों समुद्री सुरक्षाकर्मी की भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए रोम प्रतिबद्ध है।

सर्वोच्च न्यायालय ने 22 फरवरी को इटली में 24-25 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में मतदान के लिए स्वदेश जाने की अनुमति दी थी। न्यायालय को इटली के राजदूत ने वचन दिया था कि आरोपी समुद्री सुरक्षाकर्मी अदालती कार्यवाही का सामना करने के लिए चार सप्ताह के भीतर भारत लौट आएंगे।

इटली ने दलील दी है कि घटना अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में हुई है और लाटोरे और गिरोने के खिलाफ इटली की अदालत में मामला चलाया जाना चाहिए। भारत ने दलील दी है कि विवादित घटना उसकी सीमा में घटी है।

6 मार्च को एक नोट में इतालवी सरकार ने इस मुद्दे पर मान्य समाधान निकालने के लिए भारत से राजनयिक स्तर पर बैठक करने का आग्रह किया था। इस आग्रह पर अभी विचार किया जाना बाकी है।

भारतीय रुख को देखते हुए इतालवी कूटनीतिक अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि रोम अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक इस मामले पर समझौते के लिए राजी है।

बयान में कहा गया है, "भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने 18 जनवरी को दिए गए फैसले में मामले में इतालवी न्यायसीमा को खारिज कर दिया और दोनों देशों को समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के अनुच्छेद 100 के तहत साझा प्रयास करने को कहा है।"

भारत में इस मुद्दे पर राजनीति अत्यंत गरमा गई है। केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। चांडी ने संवाददाताओं से कहा, "प्रधानमंत्री का बयान अत्यंत कठोर है और हमें उम्मीद है कि इटली भारतीय कानून का सम्मान करेगा।"

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
भारतीय मछुआरों की हत्या, आरोपी इतालवी नौसैनिक, मनमोहन सिंह, Manmohan Singh, Fishermen Killings, Marines, Italy, Foreign Ministry
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com