देश में जारी कोरोना संकट के बीच कई जगहों पर सरकारी अव्यवस्था देखने को मिल रही है. सबसे अधिक दिक्कत प्रवासी मजदूरों को उठाना पड़ रहा है. पहले तो उन्हें दूसरे राज्यों में दिक्कत का सामना करना पड़ा, अब जब घर वापसी की बात हुई है फिर भी उन्हें परेशान होना पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित CAV कॉलेज परिसर में बनाए गए प्रवासी मजदूरों के संग्रह केंद्र का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इस केंद्र पर मध्यप्रदेश से वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों को रखा गया है जहां से उन्हें उनके जिलों में भेजा जाएगा.
वायरल वीडियो में केले, बिस्कुट और पानी की बोतलों के लिए मजदूरों को आपस में धक्का-मुक्की करते देखा गया है. मजदूरों को जहां पर रखा गया है वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की भी अनदेखी की जा रही है. प्रवासी मजदूरों के लिए उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सोशल मीडिया में जिला प्रशाषण की कड़ी आलोचना की जा रही है. आलोचना के बाद बाद जिला प्रशासन के एक अधिकारी की तरफ से में ट्विटर पर एक स्पष्टीकरण जारी किया गया. उन्होंने लिखा कि यह एक क्वारेंटिन सेंटर नहीं है. यह CAV कॉलेज है, जहां मध्य प्रदेश के प्रवासी अपनी यात्रा के दौरान आराम कर रहे थे. केले वितरण के दौरान उन लोगों की तरफ से हंगामा की जाने लगी जिसके तुरंत बाद वितरण को रोक दिया गया.
वहीं भोपाल से आए एक मजदूर का कहना था कि "मैं भोपाल से आया हूं और मुझे रायबरेली जाना है. यहां भोजन की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है न ही हमें बाहर जाने की अनुमति दी जा रही बै. हमने रात में भी कुछ भी नहीं खाया है. अब हमें बिस्कुट मिले हैं, और केले वितरित किए जा रहे हैं. , लेकिन पीने के लिए पानी अभी भी नहीं मिला है. "
वहीं भोपाल से आए एक मजदूर का कहना था कि "मैं भोपाल से आया हूं और मुझे रायबरेली जाना है. यहां भोजन की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है न ही हमें बाहर जाने की अनुमति दी जा रही बै. हमने रात में भी कुछ भी नहीं खाया है. अब हमें बिस्कुट मिले हैं, और केले वितरित किए जा रहे हैं. , लेकिन पीने के लिए पानी अभी भी नहीं मिला है. "गौरतलब है कि देश में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, ऐसे में प्रशासन की तरफ से ऐसी लापरवाही से समस्या और भी बढ़ सकती है.
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