प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले 14 साल से जारी युद्धविराम खोखला साबित हुआ है .अभी तक हजारों बार युद्ध विराम की शर्तों का उल्लंघन किया गया है. इस कारण सीमा के पास रहने वाले लोगों को खासी परेशानी सहना पड़ा है.पाकिस्तान कभी गोले बरसाकर तो कभी आतंकियों को सीमा के इस पार पहुंचा कर इस समझौते का उल्लंघन करता रहा है. पाकिस्तान के इस रवैये से भारतीय सेना के साथ-साथ संबंधित इलाके में रहने वाले लोगों को आए दिन दिक्कत उठाना पड़ रहा है. बीते एक साल में सीमा पार से हुई गोलीबारी की वजह से करीब 30 लोगों को अपना अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है जबकि सौ से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. इन 30 लोगों में सेना और बीएसएफ के शहीद हुए 18 जवान भी शामिल हैं. एक साल पहले सीजफायर के उल्लंघन की वजह से 09 सैनिकों समेत करीब 30 लोगों की मौत हुई थी. खास बात यह है कि इनमें से कुल 16 मौतें लाइन ऑफ कंट्रोल पर पर हुईं.
यह भी पढ़ें: एलओसी पर पाकिस्तानी सेना की बौखलाहट का नजारा, 24 घंटे में आठ दफा युद्ध विराम का उल्लंघन
बीते एक साल के दौरान छह सौ से ज्यादा बार युद्धविराम का उल्लंघन किया गया. यह आंकड़ा वर्ष 2016 की तुलना मे दो गुना है. बार्डर के समीप रहने वाले लोग आज भी दहशत के साए में जी रहे हैं. उन्हें हमेशा दूसरी तरफ से होने वाली गोलाबारी का डर बना रहता है. इस वजह से उनका आम जीवन भी खासा प्रभावित हुआ है.
VIDEO: पाकिस्तान ने फिर तोड़ा सीजफायर
आलम यह है कि बॉर्डर के करीब लगे स्कूल बीते लंबे समय से बंद हैं. सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे समझौते का अब कोई मतलब नहीं है. पाकिस्तान कागज पर हुए इस समझौते को धरातल पर लागू करने के मूड में नहीं है.
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आलम यह है कि बॉर्डर के करीब लगे स्कूल बीते लंबे समय से बंद हैं. सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे समझौते का अब कोई मतलब नहीं है. पाकिस्तान कागज पर हुए इस समझौते को धरातल पर लागू करने के मूड में नहीं है.
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