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This Article is From Sep 17, 2015

EXCLUSIVE : गृह मंत्रालय ने राज्यों से पूछा, आईएसआईएस का प्रभाव खत्म करने के लिए क्या किया

EXCLUSIVE : गृह मंत्रालय ने राज्यों से पूछा, आईएसआईएस का प्रभाव खत्म करने के लिए क्या किया
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली: सीरिया और इराक के एक बड़े हिस्से पर काबिज आईएसआईएस भारत के लिए भी परेशानी का सबब है। केंद्र सरकार को अंदेशा है कि भारत में भी कुछ नौजवान उसके असर में आ रहे हैं। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से पूछा है कि वे अपने-अपने इलाके में आईएसआईएस के प्रभाव को खत्म करने के लिए क्या कर रही हैं।

अफ़शां जबीन के पति को नहीं पता थी उसकी असली पहचान
37 साल की हैदराबाद की अफ़शां जबीन ने माना है कि वह आईएसआईएस के लिए भारत से भर्तियां कर रही थी। अफ़शां ने देवेन्द्र कुमार बत्रा नाम के शख़्स से शादी की, जो धर्म बदलकर मोहम्मद मुस्तफा हो गया। इनकी तीन बेटियां भी हैं। पुलिस को दी जानकारी में बत्रा ने कहा है कि उसे अपनी बेगम की असली पहचान के बारे मे कुछ मालूम नहीं था।

आईएसआईएस अभी बड़ा खतरा नहीं : रॉ
हालांकि जांच एजेंसियों को अब भी भारत में आईएसआईएस की बहुत पैठ नहीं दिखती। रॉ के मुताबिक आईएसआईएस अभी इतना बड़ा खतरा नहीं है। भारत से अभी तक सिर्फ 150 के आसपास ऐसे नौजवान हैं जो किसी न किसी तरह से आईएसआईएस से जुड़े हैं। इन्हें तीन वर्गों मे बांटा गया है। एक वे जो आईएसआईएस से जुड़ चुके हैं, दूसरे वे जो भारत में रहकर उसका प्रचार कर रहे हैं और तीसरे वे जिन्हें अभी तक रोका जा चुका है। इनमें से ज़्यादातर तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के लड़के हैं। सिर्फ एक कश्मीरी लड़का है जो आईएसआईएस से जुड़ा है।  

किसी और की लड़ाई लड़ने क्यों आतुर हैं नौजवान?
पढ़े-लिखे और आधुनिक नज़रिये वाले लड़के आईएसआईएस से जुड़ रहे हैं जुड़ रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों की नजर तथ्य पर भी है। वह यह भी नहीं समझ पा रही हैं कि यह नौजवान किसी और की लड़ाई क्यों लड़ रहे हैं। भारत सरकार इस मामले में फिलहाल सख़्त कार्रवाई के हक में नहीं है। वह आईएसआईएस के मोर्चे से लौटे नौजवानों के खिलाफ फिलहाल कोई केस नहीं करेगी।

उधर यूएई से सबसे ज्यादा भारतीय आईएसआईएस से सम्पर्क रखने के कारण भारत वापस भेजे जा चुके हैं। रॉ के मुताबिक यूएई सरकार ने उन्हें 11 ऐसे नौजवानों की लिस्ट दी है। उनसे पूछताछ के बाद तय किया जाएगा कि यह मामला एनआईए को दिया जाए या नहीं।

इस सबके बीच एक याचिका के जवाब में गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाइकोर्ट से कहा है कि भारतीय लड़कों को इराक और सीरिया जाकर लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए हतोत्साहित किया जा रहा है, क्योंकि उनके कट्टरपंथ की ओर मुड़ने का खतरा है।

भारत में आईएसआईएस के हमदर्द नगण्य
भारत में आईएसआईएस के हमदर्द न के बराबर और जो हैं वे अच्छे खाते-पीते घरों से हैं और साथ ही पश्चिम के प्रभाव में रहे हैं। यही वजह है कि सरकार इस पूरे मामले को बहुत संजीदगी से देखने के हक में है। वह बहुत कठोर कार्रवाई नहीं कर रही, लेकिन इस अतिवाद पर काबू पा सकने के तौर-तरीकों पर उसकी नजर है।

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