वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू गुरुवार को सुबह सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे। इस पेशकश के साथ कि अगर सभी राजनीतिक दल राजी हों तो बजट सत्र समय से पहले बुलाया जाए और जीएसटी और रीयल एस्टेट बिल पास करा लिया जाए।
सोनिया गांधी से मिले वेंकैया नायडू
बैठक के बाद वेंकैया ने कहा कि सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा को कांग्रेस की तीन मांगों पर अपनी राय दे चुके हैं और अब सरकार को कांग्रेस के जवाब का इंतजार है। वेंकैया नायडू के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक के दौरान उन्हें आश्वासन दिया कि वे पार्टी के नेताओं से बात करके अपना रुख तय करेंगी।
जीएसटी पर संसद की मुहर की कोशिश
दरअसल सरकार इसी साल के बजट में जीएसटी की घोषणा करना चाहती है, लेकिन यह तब होगा जब बजट सत्र पहले हो और बिल पर संसद की मुहर लग जाए। अगर यह नहीं हो पाया तब भी सरकार इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा सकती है।
कांग्रेस अपनी शर्तों पर अड़ी
उधर कांग्रेस ने सरकार के सामने गुरुवार को एक नई शर्त रख दी। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार को जीएसटी पर कांग्रेस की तीन मांगों पर अपना आश्वासन लिखित तौर पर देना होगा। सिब्बल ने यह भी कहा कि सरकार कांग्रेस की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है और वित्त मंत्री बार-बार कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। साफ़ है, कांग्रेस भी यह दिखाने में लगी है कि जीएसटी अगर पास होगा तो उसकी शर्तों पर।
सोनिया गांधी से मिले वेंकैया नायडू
बैठक के बाद वेंकैया ने कहा कि सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा को कांग्रेस की तीन मांगों पर अपनी राय दे चुके हैं और अब सरकार को कांग्रेस के जवाब का इंतजार है। वेंकैया नायडू के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक के दौरान उन्हें आश्वासन दिया कि वे पार्टी के नेताओं से बात करके अपना रुख तय करेंगी।
जीएसटी पर संसद की मुहर की कोशिश
दरअसल सरकार इसी साल के बजट में जीएसटी की घोषणा करना चाहती है, लेकिन यह तब होगा जब बजट सत्र पहले हो और बिल पर संसद की मुहर लग जाए। अगर यह नहीं हो पाया तब भी सरकार इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा सकती है।
कांग्रेस अपनी शर्तों पर अड़ी
उधर कांग्रेस ने सरकार के सामने गुरुवार को एक नई शर्त रख दी। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार को जीएसटी पर कांग्रेस की तीन मांगों पर अपना आश्वासन लिखित तौर पर देना होगा। सिब्बल ने यह भी कहा कि सरकार कांग्रेस की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है और वित्त मंत्री बार-बार कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। साफ़ है, कांग्रेस भी यह दिखाने में लगी है कि जीएसटी अगर पास होगा तो उसकी शर्तों पर।
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