विमानन क्षेत्र के एक विशेषज्ञ ने करीब नौ साल पहले 2011 में ही चेताया था कि कोझिकोड हवाईअड्डे के रनवे-10 पर बारिश में उतरते विमान की दिशा में बहती हवा की स्थिति में यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती है. कैप्टन मोहन रंगनाथन ने जून, 2011 में तत्कालीन नागर विमानन सचिव नसीम जैदी को पत्र लिखकर इस हवाई पट्टी को लेकर अपनी चिंता जताई थी. रंगनाथन उस समय नागर विमानन सुरक्षा सलाहकार समिति (सीएएसएसी) मे परिचालन समूह के सदस्य थे.
एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान शुक्रवार को कोझिकोड हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दो पायलटों सहित 18 लोग मारे गए. इस हादसे के मद्देनजर रंगनाथन की यह चेतावनी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. दुबई से आया बोइंग 737-800 विमान भारी बारिश में रनवे से फिसल गया और दो खंड हो गया.
पत्र में रंगनाथन ने कहा था, ‘‘यदि खतरे के बावजूद पायलट बारिश और अनुकूल हवा की स्थिति में विमान उतारने को तैयार होते हैं, तो एप्रोच एंड लैंडिंग एक्सिडेंट रिडक्शन (एएलएआर) यानी विमान उतरते समय दुर्घटना रोकने को लेकर उनकी समझ काफी कमजोर है.'' मेंगलूर हवाईअड्डे पर 2010 में एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद रंगनाथन ने यह पत्र लिखा था. इस हादसे में 158 लोग मारे गए थे.
रंगनाथन ने लिखा था, ‘‘रनवे 10 पर बारिश में अनुकूल हवा की स्थिति में उतरने वाली उड़ानें यात्रियों की जान खतरे में डालने वाली हैं.'' ऐसी परिस्थिति में उतरते समय विमान का कोण या दिशा प्रभावित हो सकती है. केरल का कोझिकोड हवाईअड्डा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अंतर्गत आता है. इस हवाईअड्डे पर टेबलटॉप हवाई पट्टी है. रंगनाथन के पत्र पर उस समय क्या कार्रवाई हुई थी, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं