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This Article is From Jun 10, 2013

क्या-क्या लिखा है आडवाणी ने अपने त्यागपत्र में

क्या-क्या लिखा है आडवाणी ने अपने त्यागपत्र में
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आडवाणी ने अपने इस्तीफे की चिट्ठी में लिखा है, पिछले कुछ समय से मुझे पार्टी के काम करने के मौजूदा तरीके और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में मुश्किल हो रही है...
नई दिल्ली: प्रिय श्री राजनाथ सिंह जी...

जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करना मुझे आजीवन गर्व तथा बेइंतहा सुकून की अनुभूति देता रहा...

परन्तु पिछले कुछ समय से मुझे पार्टी के काम करने के मौजूदा तरीके और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में मुश्किल हो रही है... अब मुझे नहीं लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी डॉ (श्यामाप्रसाद) मुखर्जी, श्री दीनदयाल (उपाध्याय) जी, नानाजी (देशमुख) और (अटल बिहारी) वाजपेयी जी के आदर्शों वाली पार्टी रह गई है, जिनकी एकमात्र चिंता देश और उसकी जनता रहे... आज के हमारे अधिकतर नेताओं को सिर्फ अपने निजी एजेंडे की ही चिंता है...

इसलिए मैंने पार्टी तीन महत्वपूर्ण पदों - राष्ट्रीय कायर्कारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति - से इस्तीफा देने का फैसला किया है, और इस पत्र को मेरा त्यागपत्र समझा जाए...

आपका...

लालकृष्ण आडवाणी

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