मुंबई:
साल 2008 में अहमदाबाद में हुए विस्फोटों के मामले में आरोपी इंडियन मुजाहिदीन का सदस्य अफजल उस्मानी एक विशेष मकोका अदालत से भाग गया जहां उसे आरोप तय करने के लिए लाया गया था। उस्मानी कथित तौर पर सूरत में अनेक ठिकानों पर बम विस्फोट की कोशिशों में भी शामिल था।
उस्मानी को 18 अन्य आरोपियों के साथ नवी मुंबई की तलोजा केंद्रीय जेल से महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) अदालत लाया गया था। सूत्रों ने बताया कि वह शौचालय जाने के बहाने पुलिस को चकमा देकर भाग गया। उसकी तलाश शुरू कर दी गयी है।
मामले में अन्य चार आरोपी भी अदालत में पेश हुए जो जमानत पर हैं। अदालत ने उस्मानी के भाग जाने के बाद आरोप तय करने की प्रक्रिया 25 सितंबर तक टाल दी और उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
उस्मानी को लेकर आए पुलिस अधिकारियों ने अपराह्न तीन बजे अदालत को उसके लापता होने के बारे में बताया। जिसके बाद विशेष सरकारी अभियोजक राजा ठाकरे ने गिरफ्तारी वारंट जारी करने की प्रार्थना की जिसे अदालत ने जारी किया।
विशेष न्यायाधीश एएल पंसारे ने घटना पर अफसोस जताते हुए कहा, ‘यह गंभीर अपराध है। यह आरोपी को अदालत में लाने वाले पुलिस दल की ओर से की गई लापरवाही है। इसका अन्य मामलों पर भी असर पड़ेगा। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।’
कहा जा रहा है कि अपराध की दुनिया में उस्मानी की शुरुआत मुंबई के एक अंडरवर्ल्ड गैंग के सदस्य के रूप में हुई थी। 1996 में उस पर हत्या की कोशिश का मामला दर्ज हुआ था। मुंबई में फायरिंग की कई घटनाओं में भी उसका नाम आया था।
उस्मानी को 18 अन्य आरोपियों के साथ नवी मुंबई की तलोजा केंद्रीय जेल से महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) अदालत लाया गया था। सूत्रों ने बताया कि वह शौचालय जाने के बहाने पुलिस को चकमा देकर भाग गया। उसकी तलाश शुरू कर दी गयी है।
मामले में अन्य चार आरोपी भी अदालत में पेश हुए जो जमानत पर हैं। अदालत ने उस्मानी के भाग जाने के बाद आरोप तय करने की प्रक्रिया 25 सितंबर तक टाल दी और उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
उस्मानी को लेकर आए पुलिस अधिकारियों ने अपराह्न तीन बजे अदालत को उसके लापता होने के बारे में बताया। जिसके बाद विशेष सरकारी अभियोजक राजा ठाकरे ने गिरफ्तारी वारंट जारी करने की प्रार्थना की जिसे अदालत ने जारी किया।
विशेष न्यायाधीश एएल पंसारे ने घटना पर अफसोस जताते हुए कहा, ‘यह गंभीर अपराध है। यह आरोपी को अदालत में लाने वाले पुलिस दल की ओर से की गई लापरवाही है। इसका अन्य मामलों पर भी असर पड़ेगा। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।’
कहा जा रहा है कि अपराध की दुनिया में उस्मानी की शुरुआत मुंबई के एक अंडरवर्ल्ड गैंग के सदस्य के रूप में हुई थी। 1996 में उस पर हत्या की कोशिश का मामला दर्ज हुआ था। मुंबई में फायरिंग की कई घटनाओं में भी उसका नाम आया था।
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