यह ख़बर 04 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

हिमाचल में धूमल और शांता के बीच तनाव बढ़ा

खास बातें

  • हिमाचल प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लेकिन सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में गुटबाजी कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है।
शिमला:

हिमाचल प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लेकिन सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में गुटबाजी कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और पार्टी के एक अन्य नेता शांता कुमार के बीच पहले ही मतभेद रहे हैं। यह और बढ़ता दिख रहा है।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता ने एक बार फिर धूमल सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार करते हुए कहा है कि राज्य सरकार में बहुत अधिक भ्रष्टाचार है।

पार्टी के कुछ नेता सत्ता के नशे में जी रहे हैं और कई ने बड़ी मात्रा में सम्पत्ति एकत्र कर रखी है। इस क्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री धूमल और उनके बेटे लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर को भी नहीं बख्शा है। उन्होंने धूमल और अनुराग पर भ्रष्टाचार एवं गैर-कानूनी भूमि समझौते में संलिप्त रहने का आरोप लगाया है। वह अनाडेल मैदान पर भी सरकार से अलग रुख रखते हैं, जो यहां क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए इसे सेना से अपने कब्जे में लेने की कोशिशें कर रही है। सरकार के विपरीत और सेना के सुर में सुर मिलाते हुए शांता ने कहा है, "राष्ट्रीय सुरक्षा क्रिकेट मैदान से अधिक महत्वपूर्ण है।"

धूमल सरकार में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शांता ने धर्मशाला में पिछले सप्ताह संवाददाताओं से कहा था, "पार्टी के कुछ नेता सत्ता के नशे में जी रहे हैं, कई ने बड़ी मात्रा में सम्पत्ति एकत्र कर रखी है। उन्हें दूसरों के बारे में कोई चिंता नहीं है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को कोई बड़ा कदम उठाने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "पड़ोसी राज्य पंजाब, जहां विधानसभा चुनाव से पहले भ्रष्टाचार के आरोपी चार मंत्रियों को पद से हटा दिया गया, की तरह मजबूत अभियान चलाए बगैर राज्य में अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी यहां सत्ता में वापसी नहीं कर सकती।"

शांता के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा, "शांता जी से सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर परामर्श लिया जाएगा। लेकिन यह अच्छा होता यदि उन्होंने अपने विचार मीडिया के बजाय पार्टी के मंच पर रखा होता।"

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वहीं, राज्य के कुछ भाजपा नेताओं ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि शांता अपने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर धूमल सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने और अपने दो प्रमुख मंत्रियों तथा तीन विधायकों को किनारे किए जाने से नाराज हैं।