
17 जुलाई को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में हुए पीएम की रैली के दौरान पंडाल गिरने से कम से कम 90 लोग घायल हुए थे.
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केंद्रीय रिपोर्ट में ममता सरकार पर आरोप
पांच किमी तक नहीं था कोई पुलिसवाला
SPG को नहीं दिए गए संसाधन: जांच रिपोर्ट
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केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने NDTV को कंफर्म किया कि एसके सिन्हा की जांच कमेटी ने मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. बता दें कि 17 जुलाई को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में हुए पीएम की रैली के दौरान पंडाल गिरने से कम से कम 90 लोग घायल हुए थे. गृह सचिव हालांकि रिपोर्ट की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए उसके निष्कर्षों पर बात करने से इनकार कर दिया.
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सरकारी सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि जांच रिपोर्ट में बंगाल सरकार को कई मामलों पर दोषी ठहराया गया है. जांच रिपोर्ट के अनुसार टेंट की ठीक से जांच नहीं हुई. टेंट के खंबों में चार स्क्रू की जगह एक स्क्रू लगे थे और पाइपों में कई जगह जंग भी लगा था. रिपोर्ट में यह बात भी कही गई है कि राज्य सरकार ने ब्लू बुक फॉलो नहीं की. इसके अलावा यह भी बात सामने आई है कि SPG को संसाधन नहीं दिए गए.
VIDEO : पीएम मोदी की रैली में पंडाल का एक हिस्सा गिरा
रिपोर्ट में कहा गया कि मिदनापुर में जब PM मोदी रैली को संबोधित कर रहे थे तब पांच किमी तक कोई पुलिसवाला नहीं था. यही नहीं जो पोल थे उसपर लोग चढ़ गए थे, उसे उतारने वाला भी कोई नहीं था. हालांकि कि रोचक बात यह है कि ममता सरकार ने पुलिस और स्टेट प्रशासन को क्लिनचीट दे दी है. ममता का कहना है कि पीएम की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी एसपीजी (SPG) की होती है न की लोकल पुलिस की. हालांकि एसपीजी इस दावे पर बहस कर रही है.
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