मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) एसए बोबड़े (SA Bobde) ने न्याय के नाम पर की जाने वाली हत्याओं की निंदा की है. चीफ जस्टिस ने कहा, 'जब न्याय प्रतिशोध का रूप ले लेता है तो वह अपना चरित्र गंवा देता है.' ये बात चीफ जस्टिस ने जोधपुर (Jodhpur) में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कही. बता दें कि मुख्य न्यायाधीश का बयान ऐसे वक्त आया है जब शुक्रवार को तेलंगाना में पशुचिकित्सक रेप मामले (Telangana rape and murder case) में आरोपियों का एनकाउंटर किया गया. न्यायमूर्ति बोबड़े ने कहा, "न्याय कभी भी त्वरित नहीं हो सकता है. न्याय को कभी भी प्रतिशोध का रूप नहीं लेना चाहिए. मुझे लगता है कि जब न्याय प्रतिशोध बन जाता है तो वह अपना चरित्र गंवा देता है." बता दें कि एसए बोबड़े ने पिछले महीने ही चीफ जस्टिस पद की शपथ ली है. यह बात उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय के उद्घाटन समारोह में कही.
#WATCH: Chief Justice of India (CJI) Sharad Arvind Bobde: I don't think justice can ever be or ought to be instant. And justice must never ever take the form of revenge. I believe justice loses its character of justice if it becomes a revenge. pic.twitter.com/oKIHKecHqt
— ANI (@ANI) December 7, 2019
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हालांकि, उन्होंने माना है कि भारतीय न्याय व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन करने की सख्त जरूरत है. उन्होंने कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि आपराधिक न्यायिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव चाहिए, मामलों को निपटाए जाने में इतना समय क्यों लगता है इस पर भी सोचे जाने की जरूरत है." इस मौके पर उन्होंने कहा कि तकनीक और मामलों को निपटाने के नए तरीकों से फैसले सुनाने में जल्दी की जा सकती है और इससे अदालत का वक्त ही बचेगा. (इनपुट ANI से...)
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बता दें कि शुक्रवार सुबह तेलंगाना में हुए एनकांउटर को लेकर लोगों की अलग- अलग राय है. एक ओर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) हैं जिन्होंने पुलिस द्वारा किए इस एनकांउटर का स्वागत किया है वहीं कुछ लोगों का मत है कि आरोपियों को अदालत के सामने अपनी दलील रखने का मौका दिया जाना चाहिए था. बता दें कि उन्नाव रेप (Unnao Rape Case) पीड़िता के पिता ने बेटी की मौत के बाद मांग की है कि उनकी बेटी के अपराधियों को भी तेलंगाना मामले की तरह गोली मार देनी चाहिए.
गौरतलब है कि तेलंगाना पुलिस (Telangana police) ने दावा किया था कि आरोपियों द्वारा उन पर हमला किया गया जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में आरोपियों को ढेर कर दिया गया. इस मामले में एनकाउंटर को लेकर जांच किए जाने की उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में याचिका दायर की गई है.
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