एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत दिल्ली में पौधरोपण करते सीजेआई.
- प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और सुप्रीम कोर्ट के कई जजों ने दिल्ली के रिज में एक पेड़ मां के नाम अभियान में पौधरोपण किया.
- दिल्ली के वन एवं पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सभी से प्रदूषण मुक्त दिल्ली के लिए जिम्मेदारी समझने का आह्वान किया.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यायाधीशों की इस अभियान में भागीदारी को प्रेरणादायक बताते हुए अभियान को नई गति देने की बात कही.
प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी की 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान में शनिवार को भारत के मुख्य न्यायधीश के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के कई जज भी शामिल हुए. मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और सहित सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों ने दिल्ली के रिज स्थित पीबीजी मैदान में पौधरोपण किया. इस दौरान दिल्ली के वन एवं पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा भी वहां मौजूद रहे. सिरसा ने कहा, "आज भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीश 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान में शामिल हुए. उन्होंने संदेश दिया कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. प्रधानमंत्री के 'एक पेड़ माँ के नाम 2.0' अभियान को आज बड़ा बढ़ावा मिला."
पीएम मोदी ने न्यायधीशों की भागीदारी को सराहा
एक पेड़ मां के नाम अभियान में न्यायधीशों की भागीदारी को पीएम मोदी ने भी सराहा है. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा- वन महोत्सव में माननीय न्यायाधीशों की भागीदारी हर किसी को प्रेरित करने वाली है. मुझे विश्वास है कि ‘एक पेड़ मां के नाम' अभियान को इससे एक नई गति मिलेगी.
वन महोत्सव में माननीय न्यायाधीशों की भागीदारी हर किसी को प्रेरित करने वाली है। मुझे विश्वास है कि ‘एक पेड़ मां के नाम' अभियान को इससे एक नई गति मिलेगी। #EkPedMaaKeNaam https://t.co/6t5UrXJ7tn
— Narendra Modi (@narendramodi) July 19, 2025
सीजेआई बोले- वन हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए
इस पौधरोपण कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने कहा कि वन केवल हमारे ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भी हैं. उन्होंने विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. वह दिल्ली सरकार द्वारा वन महोत्सव 2025 के अंतर्गत दिल्ली रिज स्थित पीबीजी मैदान में आयोजित एक विशाल वृक्षारोपण अभियान में बोल रहे थे.
विकास महत्वपूर्म लेकिन इसके लिए चुकाई गई कीमत को समझना होगाः सीजेआई
प्रधान न्यायाधीश ने दिल्ली की प्रदूषण से सलाना लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अक्टूबर आते ही सभी चिंतित होने लगते हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘विकास महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें इसके लिए चुकाई गई कीमत को भी समझना होगा. मानवता की परंपरा का हिस्सा रहे वन केवल हमारे ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भी हैं. वे दिल्ली के प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.''
गवई उच्चतम न्यायालय के 20 न्यायाधीशों और दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ इस अभियान में शामिल हुए. यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रव्यापी ‘एक पेड़ मां के नाम' अभियान का भी हिस्सा था.

सीजेआई ने सभी हितधारकों से जिम्मेदारी निभाने की अपील की
प्रधान न्यायाधीश ने सतत विकास पर उच्चतम न्यायालय के निरंतर जोर और प्रदूषण नियंत्रण पर उसके ऐतिहासिक परामर्शों पर प्रकाश डाला और सभी हितधारकों से राजधानी के पर्यावरणीय संकट से निपटने में अपनी साझा जिम्मेदारी को पहचानने का आग्रह किया.
#WATCH | Delhi Forest & Environment Minister Manjinder Singh Sirsa says, "Today, Chief Justice of India BR Gavai, Justice Surya Kant, and other Supreme Court judges joined the 'Ek Ped Maa Ke Naam' campaign... They gave a message that to make Delhi pollution-free, we all have to… pic.twitter.com/eGntYhGTmf
— ANI (@ANI) July 19, 2025
दिल्ली के वन मंत्री सिरसा ने कहा- यह सशक्त संदेश
मौके पर मौजूद दिल्ली के वन मंत्री सिरसा ने प्रधान न्यायाधीश गवई और अन्य न्यायाधीशों को उनकी भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी उपस्थिति ने सामूहिक रूप से किए गए कार्य के महत्व का एक सशक्त संदेश दिया. पर्यावरण मंत्री ने कहा, ‘‘जैसा कि प्रधान न्यायाधीश ने सही कहा है, दिल्ली के पर्यावरण की रक्षा के लिए सामूहिक जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है.''
कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, माननीय जस्टिस भूषण रामकृष्ण गंवई, जस्टिस सूर्यकांत शर्मा, जस्टिस विक्रमनाथ, जस्टिस एम.एम. सुंदरेश, जस्टिस पी. श्री. नरसिम्हा, जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, जस्टिस के.वी. विश्वनाथन, जस्टिस एस.वी.एन. भाटी सहित कई अन्य ने माँ के नाम पौधे लगाए.
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