छठ पूजा के बाद बिहार की राजनीति में नेता अब फिर सक्रिय हो रहे हैं. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव जो इन दिनो दिल्ली प्रवास पर हैं उन्होंने राज्य के मधेपुरा के ज़िला अधिकारी के छठ पूजा पूर्व लिखे अधिकारियों को एक पत्र के बहाने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है. तेजस्वी ने अपने ट्वीट में कहा है कि ज़िला अधिकारी अपने इस पत्र के माध्यम से लोकपर्व की आस्था भावना और सामाजिक ताने बाने को ख़त्म कर रहे हैं. इसके बाद एनसीआरबी के हाल में जारी आंकड़ों का ज़िक्र करते हुए तेजस्वी ने दोहराया कि बिहार दंगो के मामले में अव्वल है. तेजस्वी लिखा, 'NCRB की रिपोर्ट ने बिहार को दंगों में अव्वल बताया है. अब देखिए कुकर्मी सरकार ने लोक आस्था के महापर्व छठ पर कैसा विद्वेषपूर्ण व विघटनकारी आदेश दिया था. हर जात-धर्म के लोग छठ पर्व मनाते हैं. लोकपर्व की आस्था-भावना व सामाजिक ताने-बाने को ख़त्म ना करिए'.
माननीय नीतीश कुमार जी,
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 4, 2019
NCRB की रिपोर्ट ने देश को बताया कि बिहार दंगों में अव्वल है। अब देखिए कुकर्मी सरकार ने लोकआस्था के महापर्व छठ पर कैसा विद्वेषपूर्ण व विघटनकारी आदेश दिया था। हर जात-धर्म के लोग छठ पर्व मनाते है। लोकपर्व की आस्था-भावना व सामाजिक ताने-बाने को ख़त्म ना करिए। pic.twitter.com/gHOGvTq9tg
हालांकि राज्य के गृह सचिव आमिर सुभानी का कहना हैं कि ये पत्र उन लोगों के संज्ञान में भी आया हैं और उन्होंने ज़िलाअधिकारी से इस सम्बंध में बातचीत भी की है. जिन्होंने कहा है कि उनका ये अर्थ नहीं था कि एक समुदाय विशेष के लोगों को आहत किया जाए. लेकिन आमिर सुभानी ने कहा कि उन्हें सलाह दी गयी हैं कि भाषा के संदर्भ में भविष्य में सतर्क रहें.
क्या लिखा है पत्र में
मधेपुरा के जिलाधिकारी ने छठ पर्व पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश जारी किए थे. जिसके एक पैरा पर विवाद हो गया है जिसमें लिखा है, 'छठ घाट तक व्रतियों के आने-जाने वाले मार्गों में पड़ने वाले मुहल्लों में विशेषकर मुस्लिम मोहल्लों में विशेषकर नाली का पानी गिराए जाने के कारण तनाव उत्पन्न होता है. कभी-कभी छठ घाट पर बहुत अधिक भीड़ में घाट पर बनाए गए कोशी टूट जाने के कारण भी समस्या उत्पन्न होती है. मुस्लिम समुदाय के शरारती तत्वों द्वारा छठ व्रतियों के परिजनों तथा उनके साथ महिलाओं के साथ छेड़खानी किए जाने पर तनाव उत्पन्न होता है. छठ व्रतियों तथा उनके परिजनों पर छींटाकशी, फब्ती कस देने के कारण भी विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है'. मधेपुरा के जिलाधिकारी की इस चिट्ठी पर एक बार फिर नीतीश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है.
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