टीचर्स डे पर राष्ट्रपति ने 44 शिक्षकों को किया सम्मानित, बोले- आज भी आती है गुरुजनों की याद

Teachers Day: भारत के इतिहास में 5 सितंबर की तारीख का एक खास महत्व है. दरअसल, इस दिन देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था और उन्हीं के सम्मान में इस दिन को ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.

टीचर्स डे पर राष्ट्रपति ने 44 शिक्षकों को किया सम्मानित, बोले- आज भी आती है गुरुजनों की याद

Teachers Day: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में 44 शिक्षकों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया.

नई दिल्ली:

Teachers Day Celebration: आज देशभर में शिक्षक दिवस (Teachers Day) की धूम है. इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में 44 शिक्षकों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि शिक्षकों का कर्त्तव्य है कि वे अपने विद्यार्थियों में अध्ययन के प्रति रुचि जागृत करें. राष्ट्रपति ने कहा, "एक संवेदनशील शिक्षक अपने व्यवहार, आचरण व शिक्षण से विद्यार्थियों का भविष्य संवार सकते हैं."

उन्होंने कहा, "हमारी शिक्षा-व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिससे विद्यार्थियों में संवैधानिक मूल्यों तथा नागरिकों के मूल कर्तव्यों के प्रति निष्ठा उत्पन्न हो, देश के प्रति प्रेम की भावना मजबूत बने तथा बदलते वैश्विक परिदृश्य में वे अपनी भूमिका के बारे में सचेत रहें."

कोविंद ने कहा, "शिक्षकों को ध्यान रखना चाहिए कि प्रत्येक विद्यार्थी की क्षमता अलग होती है, उनकी प्रतिभा अलग होती है, मनोविज्ञान अलग होता है, सामाजिक पृष्ठभूमि व परिवेश भी अलग-अलग होता है. इसलिए हर एक बच्चे की विशेष जरूरतों, रुचियों और क्षमताओं के अनुसार उसके सर्वांगीण विकास पर बल देना चाहिए."

76 वर्षीय राष्ट्रपति ने कहा, "आज तक मुझे अपने आदरणीय शिक्षकों की याद आती रहती है. मैं स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस करता हूं कि राष्ट्रपति का कार्यभार ग्रहण करने के बाद, मुझे अपने स्कूल में जाकर, अपने वयोवृद्ध शिक्षकों का सम्मान करने तथा उनका आशीर्वाद लेने का अवसर प्राप्त हुआ था."

उन्होंने कहा, "मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डॉक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक के रूप में अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों को दिया करते थे. वे अपने स्कूल के एक अध्यापक के विषय में बताया करते थे जिनके पढ़ाने की रोचक शैली के कारण बचपन में ही उनमें एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने की ललक पैदा हुई."

बता दें कि भारत के इतिहास में 5 सितंबर की तारीख का एक खास महत्व है. दरअसल, इस दिन देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था और उन्हीं के सम्मान में इस दिन को ‘शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाता है. 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु में जन्मे डॉ. राधाकृष्णन को भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद्, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक के तौर पर जाना जाता है. पूरे देश को अपनी विद्वता से अभिभूत करने वाले डॉ. राधाकृष्णन को भारत सरकार ने सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था.

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