चंद्रबाबू नायडू (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आंध्र प्रदेश में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम् बोर्ड में तेलगू देशम पार्टी की विधायक वांगलपुड़ी अनीता को सदस्य के रूप में नियुक्त किए जाने पर खड़े हुए विवाद में एक नया मोड़ आया है. टीडीपी विधायक वांगलपुड़ी अनिता ने आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को तिरुपति मंदिर के बोर्ड में अपनी नियुक्ति रद्द करने को लेकर एक पत्र लिखा है और अपना नाम वापस लेने की गुजारिश की है. उन्होंने लिखा कि 'मैं इस विवाद में नहीं पड़ना चाहती, जो आपको और आपकी सरकार को शर्मिंदा करे. '
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अनीता पत्र में लिखती हैं, ' मैं तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् बोर्ड में अपनी नियुक्ति को लेकर आपका एहसानमंद हूं. एक हिंदू होने के नाते अपने इष्ट देव भगवान वेंकेटश्वरम की सेवा करने का अवसर पाकर मैं काफी सौभाग्यशाली महससू कर रही हूं. '
आगे वह लिखती हैं, 'हालांकि, मैं अंदर से काफी दुखी हूं क्योंकि कुछ लोग निहित स्वार्थ की वजह से अनावश्यक विवाद पैदा कर रहे हैं. मैं कहना चाहूंगी कि मैं एक हिंदू हूं, और दलित समाज से आती हूं. मैं भगवान वेंकेटश्वरम की भक्त हूं और मैं तिरुमाला मंदिर में कई बार जा चुकी हूं और पूजा-याचना भी कर चुकी हूं.'
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अनीता ने आगे लिखा, 'मैं यह बेवजह का विवाद नहीं चाहती, जिससे आपको और आपकी सरकार को शर्मिंदगी झेलनी पड़े. इसलिए मैं आपसे आग्रह करती हूं कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थान बोर्ड के सदस्य के रूप में मेरी नियुक्ति को वापस ले लिया जाए. आपने जो मुझे सम्मान दिया है, उसके लिए मैं एक बार फिर से आपका आभार प्रकट करती हूं.'
गौरतलब है कि बीते दिनों आंध्र प्रदेश में तिरूमला तिरुपति देवस्थानम् बोर्ड में तेलुगुदेशम पार्टी की विधायक वांगलपुडी अनीता को नियुक्त किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया था, जिसमें कुछ लोगों ने इस नियुक्ति को गलत करार दिया था और मंदिर की पवित्रतता पर सवाल खड़े किये थे.
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आगे वह लिखती हैं, 'हालांकि, मैं अंदर से काफी दुखी हूं क्योंकि कुछ लोग निहित स्वार्थ की वजह से अनावश्यक विवाद पैदा कर रहे हैं. मैं कहना चाहूंगी कि मैं एक हिंदू हूं, और दलित समाज से आती हूं. मैं भगवान वेंकेटश्वरम की भक्त हूं और मैं तिरुमाला मंदिर में कई बार जा चुकी हूं और पूजा-याचना भी कर चुकी हूं.'
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अनीता ने आगे लिखा, 'मैं यह बेवजह का विवाद नहीं चाहती, जिससे आपको और आपकी सरकार को शर्मिंदगी झेलनी पड़े. इसलिए मैं आपसे आग्रह करती हूं कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थान बोर्ड के सदस्य के रूप में मेरी नियुक्ति को वापस ले लिया जाए. आपने जो मुझे सम्मान दिया है, उसके लिए मैं एक बार फिर से आपका आभार प्रकट करती हूं.'
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