टैक्सपेयर्स एसोसिएशन ऑफ भारत(टैक्सेब) ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जय प्रकाश नडडा को बढ़ती जनसंख्या से होने वाली समस्याओ से निपटने के उद्देश्य से जिम्मेदार अभिभावक अधिनियम 2019 का ड्राफ्ट सौंपा. संगठन के अध्यक्ष मनु गौड़ ने एनडीटीवी को बताया कि किस तरह बढ़ती जनसंख्या का असर देश की तमाम समस्याओं का जनक है. उन्होंने कहा किदेश की जनसंख्या वर्तमान में कम से कम 142 करोड़ है और 2050 तक यह जनसंख्या लगभग 200 करोड़ हो जाएगी.संगठन का दावा है कि जिस दिन देश में जिम्मेदार अभिभावक अधिनियम लागू हो जायेगा उस दिन देश की सभी समस्याओं का अंत होना प्रारंभ हो जायेगा.
उन्होंने कहा कि अगले 30 वर्षों में बढ़ने वाली लगभग 60 करोड़ आबादी के लिए हम संसाधन कहां से लाएंगे. वर्तमान सरकार सबको शौचालय, आवास, रोजगार, बिजली, गैस कनैक्शन, स्वास्थ्य बीमा आदि देने के लिए प्रयासरत है लेकिन भविष्य में बढ़ने वाली 60 करोड़ आबादी के कारण ये समस्यायें पुनः उत्पन्न हो जायेंगी और उसका बोझ पुनः करदाताओं पर पड़ेगा. करदाता, जिसके पैसों से यह देश चलता है वो अब इस बोझ को उठाने को तैयार नहीं है. इसलिए टैक्सैब की ओर से पिछले पांच वर्षों के प्रयासों और अध्ययन के फलस्वरूप यह जिम्मेदार अभिभावक अधिनियम 2019 का ड्राफ्ट तैयार कर सौंपा गया है.
मनु गौड़ ने आगे बताया कि उन्हीं के प्रयासों का असर है कि पिछले संसद सत्र में सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान ने इस बिल का प्रस्ताव निजी विधेयक के तौर पर संसद में पेश किया था और तकरीबन सवा सौ सांसदों का हस्ताक्षर युक्त पत्र सदन में चर्चा कराने हेतु लोकसभा अध्यक्ष श्री मती सुमित्रा महाजन को सौंपा था. सदन में चर्चा के लिए प्रस्ताव सूचीबद्ध भी हुआ लेकिन चर्चा के लिए समय नहीं मिल पाया. गौड़ ने बताया कि संसद में इस बिल पर चर्चा के लिए उन्होंने स्पीकर को भी पत्र लिखा है और सभी सांसदों को भी बिल के समर्थन हेतु पत्र लिखें हैं. साथ ही अनेकों सांसदों से व्यक्तिगत भेंट कर उनसे बिल का समर्थन करने का अनुरोध भी किया, जिसके लिये सभी ने सहमति जताई. उम्मीद है कि बजट सत्र में यह चर्चा हो.
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