पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ पीएम मोदी की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारत सरकार ने साफ़ कर दिया है कि हुर्रियत नेताओं को लेकर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। पाकिस्तान के बयान पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा, पाकिस्तान की शर्तों पर बातचीत नहीं हो सकती। उनका रुख उफा में बनी सहमति के खिलाफ है।
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कहा था कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और इसलिए वह हुर्रियत को लेकर भारत सरकार की सलाह नहीं मानेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि अजीज की अलगाववादी नेताओं के साथ होने वाली इस मुलाकात को लेकर भारत की ओर से पाकिस्तान को गुरुवार को ही चेताया जा चुका है। उन्होंने कहा कि ऐसी मुलाकात आतंकवाद का मिलकर सामने करने के रूस के उफा समझौते की भावना और निष्ठा के अनुरूप नहीं होगी।
उधर हुर्रियत नेता अब दिल्ली आने की तैयारी कर रहे हैं। कश्मीर के अलगाववादी हुर्रियत नेता यासीन मलिक का कहना है कि भारत सरकार अगर संजीदा है तो कश्मीर पर बातचीत करनी होगी।
हालांकि इसे मुद्दे पर भारत का रुख़ सख्त बना हुआ है। उसने साफ़ कर दिया है कि अलगाववादी नेताओं से पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार की मुलाकात उसे मंज़ूर नहीं है। गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, अलगाववादियों को श्रीनगर से निकलने नहीं दिया जाएगा। फिर भी अगर वे दिल्ली पहुंच गए तो उन्हें हवाई अड्डे पर रोक लिया जाएगा। बातचीत में भारत पाक प्रेरित और प्रायोजित आतंकवाद का मसला उठाएगा।
इसके साथ ही भारत ने कहा है कि बातचीत को लेकर पाकिस्तान का एजेंडा अब तक नहीं मिला है, वह जल्द अपना एजेंडा दे। बातचीत के लिए प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन होगा, ये भी अब तक तय नहीं है।
भारत की शिकायत है कि पाकिस्तान बातचीत को लेकर संजीदा नहीं। पाकिस्तान भी यही शिकायत कर रहा है। ऐसे में सवाल है- क्या वाकई बातचीत हो पाएगी और अगर हुई तो क्या वह असरदार होगी?
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कहा था कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और इसलिए वह हुर्रियत को लेकर भारत सरकार की सलाह नहीं मानेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि अजीज की अलगाववादी नेताओं के साथ होने वाली इस मुलाकात को लेकर भारत की ओर से पाकिस्तान को गुरुवार को ही चेताया जा चुका है। उन्होंने कहा कि ऐसी मुलाकात आतंकवाद का मिलकर सामने करने के रूस के उफा समझौते की भावना और निष्ठा के अनुरूप नहीं होगी।
उधर हुर्रियत नेता अब दिल्ली आने की तैयारी कर रहे हैं। कश्मीर के अलगाववादी हुर्रियत नेता यासीन मलिक का कहना है कि भारत सरकार अगर संजीदा है तो कश्मीर पर बातचीत करनी होगी।
हालांकि इसे मुद्दे पर भारत का रुख़ सख्त बना हुआ है। उसने साफ़ कर दिया है कि अलगाववादी नेताओं से पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार की मुलाकात उसे मंज़ूर नहीं है। गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, अलगाववादियों को श्रीनगर से निकलने नहीं दिया जाएगा। फिर भी अगर वे दिल्ली पहुंच गए तो उन्हें हवाई अड्डे पर रोक लिया जाएगा। बातचीत में भारत पाक प्रेरित और प्रायोजित आतंकवाद का मसला उठाएगा।
इसके साथ ही भारत ने कहा है कि बातचीत को लेकर पाकिस्तान का एजेंडा अब तक नहीं मिला है, वह जल्द अपना एजेंडा दे। बातचीत के लिए प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन होगा, ये भी अब तक तय नहीं है।
भारत की शिकायत है कि पाकिस्तान बातचीत को लेकर संजीदा नहीं। पाकिस्तान भी यही शिकायत कर रहा है। ऐसे में सवाल है- क्या वाकई बातचीत हो पाएगी और अगर हुई तो क्या वह असरदार होगी?
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