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This Article is From Feb 02, 2022

फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाएं : दिग्गज सोशल मीडिया कंपनियों को सरकार का कड़ा संदेश

सरकार ने फर्जी खबरों को लेकर सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों को कड़ा संदेश दिया और उनसे इस तरह की खबरों पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने को कहा है.

फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाएं : दिग्गज सोशल मीडिया कंपनियों को सरकार का कड़ा संदेश
सरकार ने सोशल मीडिया दिग्गजों को सख्त मैसेज दिया (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी गूगल (Google), ट्विटर (Twitter) और फेसबुक (Facebook) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों के बीच कंटेंट मॉडरेशन और फर्जी खबरों (Fake News) पर रोक लगाने को लेकर आज बैठक हुई. सरकार ने बैठक में कड़े शब्दों में बात कही. 

अधिकारियों ने कहा कि जब अपने व्यावसायिक हितों की बात आती है तो दिग्गज टेक कंपनियां तत्काल कार्रवाई करती हैं, लेकिन जब भारत से जुड़े राष्ट्रविरोधी, भड़काऊ और फर्जी खबरों की बात आती है, तो वे सरकार पर छोड़ देते हैं कि सरकार ये मुद्दा उठाए. यह नकारात्मक है. जब सरकार इस बारे में कहती है, तो इससे अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में यह संदेश जाता है कि सरकार कंपनियों पर दबाव डाल रही है. 

यह बैठक हाल ही में यूट्यूब के कई चैनलों को बंद करने की कार्रवाई के बाद हुई है. इनमें से कई चैनलों को लेकर सरकार ने कहा था कि ये चैनल पाकिस्तान से चलाए जा रहे हैं और भारत-विरोधी प्रोपगेंडा फैला रहे थे.

गूगल, ट्विटर और फेसबुक के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद एक अधिकारी ने कहा, "अन्य देशों में, इस तरह की शिकायतों से निपटने के लिए उनके (कंपनी) पास तंत्र है, लेकिन भारत में वे खुद से कार्रवाई करने के बजाये ये उम्मीद करते हैं कि सरकार इस मामले को उठाए."

अधिकारी ने बताया, "जब सरकार कंपनियों पर सख्ती करती है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय में यह संदेश जाता है कि भारत सरकार उन पर दबाव बना रही है. यह खत्म होना चाहिए."

सरकारी अधिकारियों ने बैठक में किसी भी तरह की बहस से इनकार किया. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया है कि सरकार ने अपने विचार "मजबूती" से उनके सामने रखे हैं.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने दिसंबर में खुफिया एजेंसियों के साथ चर्चा के बाद 20 YouTube चैनलों और दो वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश दिया था. आदेश में कहा गया था कि ये भारत के खिलाफ दुष्प्रचार और फर्जी खबरों को फैला रहे थे. 

सरकार ने कहा कि इनका इस्तेमाल कश्मीर, भारतीय सेना, भारत में अल्पसंख्यक समुदायों, राम मंदिर, जनरल बिपिन रावत इत्यादि से जुड़ी गलत सामग्रियां पोस्ट करने के लिए किया गया था.

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