देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इन सबके बीच मार्च के शुरूआती दिनों में दिल्ली के मरकज निजामुद्दीन में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के धार्मिक कार्यक्रम में कई देशों के नागरिक समेत करीब 9000 लोगों के शिरकत करने की जानकारी अब सामने आते ही हड़कंप मच गया. कार्यक्रम में शामिल 21 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि दो की मौत हो चुकी है. मामले के तूल पकड़ते ही जमात के प्रमुख 56 वर्षीय मौलाना साद कंधालवी (Maulana Saad Kandhalvi) गायब हो गए. उन्हें आखिरी बार 28 मार्च को देखा गया था. दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है. कई राज्यों में उनकी तलाश की जा रही है. इस बीच बुधवार को सामने आई दो में से एक ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर मौलाना कह रहे हैं कि वह दिल्ली में एक डॉक्टर की सलाह पर खुद आइसोलेशन में रह रहे हैं.
मौलाना जमात के लोगों से कह रहे हैं कि वह सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें. मौलाना साद ने कहा, 'बेशक इस समय दुनिया में जो कुछ भी हो रहा है वह इंसानों द्वारा किए गए गुनाहों का नतीजा है. हमें घरों में रहना चाहिए. यही एक तरीका है अल्लाह के कहर को शांत करने का. लोगों को डॉक्टरों की सलाह माननी चाहिए और प्रशासन के साथ सहयोग करना चाहिए. हमारे लोग जहां भी हों, वह प्रशासन के आदेशों का पालन करें. जहां कहीं भी हो, खुद को अलग कर लो. ये इस्लाम या शरीयत के खिलाफ नहीं है.'
आशंका जताई जा रही है कि मौलाना साद खुद भी कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की कई टीम मुजफ्फरनगर से लेकर कई अलग-अलग जगहों पर उनकी तलाश कर रही है. क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद को पकड़ने के लिए 14 अस्पतालों से भी संपर्क किया है. साद पर आरोप है कि उन्होंने लोगों को मरकज निजामुद्दीन में रुकने के लिए उकसाया. उन्होंने सरकार की ओर से कोरोना वायरस से बचाव संबंधी सभी हिदायतों को नजरअंदाज किया और कार्यक्रम में पहुंचे लोगों को भी ऐसा ही करने को कहा. उन्होंने बिल्डिंग खाली करने से जुड़े पुलिस के दो नोटिसों को भी नजरअंदाज किया.
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