यूपी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी का दामन छोड़ सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने साफ संकेत दिया है कि अगर कुशीनगर की पडरौनी सीट पर उन्हें आरपीएन सिंह से चुनौती मिलती है तो वो मुकाबले को तैयार हैं. आरपीएन सिंह (RPN Singh) मंगलवार को ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी उन्हें पडरौना सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ उतार सकती है. एनडीटीवी से खास बातचीत में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुर्मी नेता आरपीएन सिंह के बीजेपी में शामिल होने पर कहा कि जमीनी नेता फिर राजमहल पर भारी पड़ेगा.
'एक नई शुरुआत' : यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुए RPN सिंह
उन्होंने कहा कि आरपीएन तो राजा साहब हैं और राजमहलों में रहने वाले हैं और उन्हीं के बीच उठते-बैठते हैं. लिहाजा यह लड़ाई जमीनी नेता बनाम राजमहल की होगी. उन्होंने कहा कि पहले के विधानसभा चुनाव में भी लोगों ने ऐसा ही नतीजा दिया है और राजमहल को नकारा है. यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार में 4 साल 11 महीने मंत्री रहने को लेकर भी उनसे सवाल पूछा गया. मौर्य से पूछा गया कि कोरोना काल की गड़बडियों का मुद्दा उन्होंने पिछले चार साल 11 महीने क्यों नहीं उठाया.
इस पर सीधा जवाब न देते हुए मौर्य ने कहा कि ये चुनाव के मुद्दे को घुमाने की रणनीति है. उन्होंने कहा कि ये चुनाव पिछड़ा विरोधी, दलित विरोधी किसान विरोधी बीजेपी के चेहरे पर होगा. छुट्टा जानवरों के आतंक, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर चुनाव होगा. आरपीएन सिंह के बीजेपी में जाने पर मौर्य ने कहा कि अगर वो कांग्रेस में ही रहते तो उनकी ज्यादा अहमियत रहती. बीजेपी में पिछड़ा वर्ग की कोई पूछ नहीं हैं.
आरपीएन पर मौर्य ने कहा, जनता लगातार तीसरी बार उनके द्वारा भेजे गए प्रत्याशी को खारिज कर रही है. इस बार उन पर बीजेपी ने दांव लगाया है, लेकिन यह दांव उल्टा पडे़गा. पडरौना के हर इलाके में लोग मुझे जानते हैं, मुझ तक कभी भी पहुंच सकता है. जनता हमारे साथ है. अगर एक आम आदमी को भी पडरौना सीट से समाजवादी पार्टी से लड़ाया जाएगा तो वो आरपीएन को हरा देगा. आरपीएन सिंह राजा साहब हैं और आम जनता तक पहुंच नहीं रखते हैं.
यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा, आरपीएन सिंह राजा साहब हैं, जहां उनका दरबार लगता है, जहां बिना उनकी इजाजत के कोई भी परिंदा पर नहीं मार सकता है. स्वामी प्रसाद मौर्य का लोगों ने काम देखा है, कोरोना काल में भी सेवा देखी है. पडरौना से चुनाव लड़ने के सवाल पर मौर्य ने कहा कि यह तो राष्ट्रीय अध्यक्ष तय करेंगे. ओबीसी नेता मौर्य ने कहा, मैंने कभी रायबरेली में जाकर बीएसपी का खाता खोला था. पडरौना में पार्टी का खाता खोला था. बदायूं में भी बीजेपी का करीब 30 साल बाद जाकर खाता खोला था. इसलिए उत्तर प्रदेश का कोई जिला या विधानसभा मेरे लिए अपरिचित नहीं है. मौर्य ने कहा, आऱपीएन सिंह एक वक्त कांग्रेस के बड़े नेता थे, लेकिन उनके मंत्री रहते कांग्रेस वहां विधानसभा चुनाव हारी थी, उनकी मां भी चुनाव लड़ीं और उनकी जमानत जब्त हो गई थी.
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