उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी को झटका लगा है. वरिष्ठ बीजेपी नेता और यूपी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा देकर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. मौर्य ने विश्वास जताया कि फिर वह संभवत: चुनाव के ठीक पहले, जीतने वाली पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं. वर्ष 2016 में मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP)छोड़कर स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2017 के यूपी चुनाव के पहले बीजेपी ज्वॉइन की थी. अब वे राज्य में विधानसभा चुनाव के पहले सपा से जुड़ रहे हैं.
चुनाव के ठीक पहले ही वह पार्टी क्यों बदलते हैं?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने NDTV से कहा, 'जब तक मैंने बीएसपी नहीं छोड़ी थी, यह यूपी में नंबर एक पार्टी थी. अब यह कहीं नहीं है. जब मैंने बीजेपी ज्वॉइन की तो यह 14 साल के बनवास के बाद लौटी और बहुमत की सरकार बनाई.'
'लेकिन उन्होंने लोगों के खिलाफ काम किया. मैं उचित मंचों पर अपना असंतोष जताया लेकिन मेरी बात नहीं सुनी गई. परिणामस्वरूप मुझे इस्तीफा देना पड़ा.'
स्वामी प्रसाद मौर्य के ट्विटर पर इस्तीफे का लेटर पोस्ट करने के तुरंत बाद, वरिष्ठ बीजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उनसे फैसले पर पुनर्विचार की अपील की. मौर्य (केशव) ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा क्यों दिया लेकिन मैं उनसे अपील करता हूं कि इस्तीफा न दें, हम बात करते हैं. जल्दबाजी में लिए गए फैसले का उल्टा असर हो सकता है. .'
इस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया, 'मौर्य ने इस बारे में पहले क्यों नहीं सोचा? आज वे मुझे क्यों याद कर रहे हैं. अब हर कोई बात करना चाहता है लेकिन जब बातचीत की जरूरत थी उनके पास समय नहीं था.'
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