इराक में 2014 से 39 भारतीय लापता हैं. तस्वीर: प्रतीकात्मक
नई दिल्ली:
इराक में लापता 39 भारतीयों के परिवार वालों से रविवार को विदेश स्वराज ने मुलाकात की. ISIS से मोसुल खाली कराने के बाद भी इन भारतीयों को कोई अता पता नहीं चला है. सरकार अब भी भरोसा दे रही है. हाथों में तस्वीर और आँखों में उम्मीद लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिलने पहुँचे लापता भारतीयों के परिवारवाले. इराक़ में 39 भारतीयों को लापता हुए 3 साल से ज़्यादा हो गए. विदेश मंत्री से हुई इस चौथी सामूहिक मुलाक़ात में भी इन्हें कोई पक्का भरोसा नहीं मिला.
इराक़ में लापता मनजिंदर सिंह की माँ सुखविन्दर कौर सुषमा से मुलाक़ात के पहले बहुत उम्मीद लिए थीं लेकिन मुलाक़ात के बाद निराश नज़र आई. कहती हैं कि कुछ भी ऐसा कहा गया जिससे तसल्ली मिले. मनजिंदर की बहन गुरपिंदर कौर कहती हैं कि जहाँ तीन साल पहले थे वहीं हैं. हांलाकि लापता विद्यानाथ तिवारी के चाचा रवींद्र तिवारी कहते हैं कि जब तक सरकार कोशिश करती रहेगी वे उम्मीद बनाए रखेंगे.
ये भी पढें : इराक में तीन साल से लापता हैं 39 भारतीय, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सुरक्षित लौटाने का दिया भरोसा
विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह इराक़ का दौरा कर लौटे हैं. लापता भारतीयों को मोसुल में खोजा जा रहा है. आईएस को यहाँ से भगा दिया लेकिन भारतीयों का पता नहीं चला है.
कहा जा रहा है कि मोसुल के एक हिस्से पर अभी भी आईएस का क़ब्ज़ा है. सरकार इराक़ी एजेंसियों के साथ मिलकर भारतीयों का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रही है.
39 भारतीयों को 15जून 2014 को आईएस ने अपने कब्ज़े में ले लिया था. उनके साथ क्या हुआ इसका अब तक कोई सबूत नहीं मिला है. यही चिंता का भी सबब है और उम्मीद की वजह भी.
इराक़ में लापता मनजिंदर सिंह की माँ सुखविन्दर कौर सुषमा से मुलाक़ात के पहले बहुत उम्मीद लिए थीं लेकिन मुलाक़ात के बाद निराश नज़र आई. कहती हैं कि कुछ भी ऐसा कहा गया जिससे तसल्ली मिले. मनजिंदर की बहन गुरपिंदर कौर कहती हैं कि जहाँ तीन साल पहले थे वहीं हैं. हांलाकि लापता विद्यानाथ तिवारी के चाचा रवींद्र तिवारी कहते हैं कि जब तक सरकार कोशिश करती रहेगी वे उम्मीद बनाए रखेंगे.
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विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह इराक़ का दौरा कर लौटे हैं. लापता भारतीयों को मोसुल में खोजा जा रहा है. आईएस को यहाँ से भगा दिया लेकिन भारतीयों का पता नहीं चला है.
कहा जा रहा है कि मोसुल के एक हिस्से पर अभी भी आईएस का क़ब्ज़ा है. सरकार इराक़ी एजेंसियों के साथ मिलकर भारतीयों का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रही है.
39 भारतीयों को 15जून 2014 को आईएस ने अपने कब्ज़े में ले लिया था. उनके साथ क्या हुआ इसका अब तक कोई सबूत नहीं मिला है. यही चिंता का भी सबब है और उम्मीद की वजह भी.
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