विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
एक तरफ बैंकॉक में भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की बैठक को लेकर विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में स्पष्टीकरण की मांग की। वहीं दूसरी तरफ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दो दिवसीय यात्रा पर कल इस्लामाबाद रवाना हो रही हैं जहां उनकी मुलाकात नवाज़ शरीफ से होगी। वह अफगानिस्तान पर एक बहुपक्षीय सम्मेलन में भाग लेने इस्लामाबाद जा रही हैं।
नवाज़ शरीफ से मुलाकात की जानकारी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई है। उम्मीद जतायी जा रही है कि सुषमा के इस दौरे से भारत और पाकिस्तान के बीच रुकी बातचीत को आगे बढ़ाने में अहम क़ामयाबी मिलेगी।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ पेरिस में जब भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने अनौपचारिक तौर पर मुलाक़ात की और रिश्ते को बेहतर करने की बात की तो तो नवाज़ शऱीफ की तरफ से सुषमा स्वराज को हार्ट आफ एशिया कांफ्रेंस में भेजने का ज़िक्र किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इससे पहले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाक़ात भी हो। ये भी तय हुआ कि उसमें दोनों देशों के विदेश सचिव भी शामिल हों।
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विदेशमंत्री की इस यात्रा की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी ट्वीट के ज़रिए दी है 'विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, इस्लामाबाद में नौ दिसंबर को आयोजित की जाने वाली अफगानिस्तान पर पांचवीं मंत्रिस्तरीय बैठक 'हार्ट ऑफ एशिया' में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगी।'
सुषमा ऐसे समय पर पाकिस्तान जा रही हैं, जब बैंकॉक में दोनों देशों के एनएसए की मुलाकात पर संसद में सवाल उठाते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री आनंद शर्मा ने कहा 'इस मामले में संसद को जानकारी दी जानी चाहिए। इस पूरी बातचीत को लेकर संसद अभी तक अनभिज्ञ है।'
पटरी पर लौटेगी बातचीत
इससे पहले 2012 में पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने इस्लामाबाद की यात्रा की थी जब दोनों देशों ने एक वीजा उदारीकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
गौरतलब है कि सुषमा की इस यात्रा के दौरान उनके साथ विदेश सचिव एस जयशंकर भी होंगे जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित दोभाल और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नसीर जंजुआ के बीच की बैठक में भी मौजूद थे। वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने एक संयुक्त प्रेस बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि इस वार्ता में शांति और सुरक्षा, आतंकवाद, जम्मू एवं कश्मीर और नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने सहित कई दूसरे मुद्दों पर चर्चा हुई।'
पाकिस्तान में उम्मीद लगायी जा रही है कि सुषमा स्वराज के इस दौरे के बाद न सिर्फ रुकी हुई बातचीत पटरी पर लौट आएगी बल्कि दोनों के देशों के बीच क्रिकेट संबंधों पर भी बात आगे बढ़ेगी। प्रेस से बात करते हुए ने सरताज अज़ीज़ ने भारत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यहां सुषमा स्वराज का इंतज़ार है।
नवाज़ शरीफ से मुलाकात की जानकारी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई है। उम्मीद जतायी जा रही है कि सुषमा के इस दौरे से भारत और पाकिस्तान के बीच रुकी बातचीत को आगे बढ़ाने में अहम क़ामयाबी मिलेगी।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ पेरिस में जब भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने अनौपचारिक तौर पर मुलाक़ात की और रिश्ते को बेहतर करने की बात की तो तो नवाज़ शऱीफ की तरफ से सुषमा स्वराज को हार्ट आफ एशिया कांफ्रेंस में भेजने का ज़िक्र किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इससे पहले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाक़ात भी हो। ये भी तय हुआ कि उसमें दोनों देशों के विदेश सचिव भी शामिल हों।
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विदेशमंत्री की इस यात्रा की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी ट्वीट के ज़रिए दी है 'विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, इस्लामाबाद में नौ दिसंबर को आयोजित की जाने वाली अफगानिस्तान पर पांचवीं मंत्रिस्तरीय बैठक 'हार्ट ऑफ एशिया' में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगी।'
EAM @SushmaSwaraj to lead Indian delegation for Heart of Asia 5th Ministerial Meeting on Afghanistan on December 9 in Islamabad
— Vikas Swarup (@MEAIndia) December 7, 2015
सुषमा ऐसे समय पर पाकिस्तान जा रही हैं, जब बैंकॉक में दोनों देशों के एनएसए की मुलाकात पर संसद में सवाल उठाते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री आनंद शर्मा ने कहा 'इस मामले में संसद को जानकारी दी जानी चाहिए। इस पूरी बातचीत को लेकर संसद अभी तक अनभिज्ञ है।'
पटरी पर लौटेगी बातचीत
इससे पहले 2012 में पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने इस्लामाबाद की यात्रा की थी जब दोनों देशों ने एक वीजा उदारीकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
गौरतलब है कि सुषमा की इस यात्रा के दौरान उनके साथ विदेश सचिव एस जयशंकर भी होंगे जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित दोभाल और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नसीर जंजुआ के बीच की बैठक में भी मौजूद थे। वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने एक संयुक्त प्रेस बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि इस वार्ता में शांति और सुरक्षा, आतंकवाद, जम्मू एवं कश्मीर और नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने सहित कई दूसरे मुद्दों पर चर्चा हुई।'
पाकिस्तान में उम्मीद लगायी जा रही है कि सुषमा स्वराज के इस दौरे के बाद न सिर्फ रुकी हुई बातचीत पटरी पर लौट आएगी बल्कि दोनों के देशों के बीच क्रिकेट संबंधों पर भी बात आगे बढ़ेगी। प्रेस से बात करते हुए ने सरताज अज़ीज़ ने भारत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यहां सुषमा स्वराज का इंतज़ार है।
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