
बैंकों से लोन लेकर डिफाल्टर होने का मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा और आदेश जारी करेगा
नई दिल्ली:
बैंकों से लोन लेकर डिफाल्टर होने का मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा और आदेश जारी करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने लोन रिकवरी के संसाधनों को बढाने को लेकर सवाल उठाए थे. कोर्ट ने केंद्र को कहा कि वो बताए क्या मौजूदा संसाधनों से नियमों के मुताबिक तय समयसीमा में लोन रिकवरी की जा सकती है ? कोर्ट ने केंद्र को लोन रिकवरी के लिए संसाधन बढाने को लेकर क्या क्या किया जा रहा है, ये बताने को कहा था.
लोन रिकवरी को लेकर सरकार का क्या एक्शन प्लान है ? डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल ( Debt recovery Tribunals) के लंबित केसों की सूची भी मांगी है. कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा था कि इन लोन डिफाल्टरों के नाम सावर्जनिक करने से कोई मकसद हल नहीं होगा. हमें ये देखना है कि इस समस्या की जड कहां है और इससे कैसे निपटा जा सकता है. कोर्ट ने RBI की सीलबंद रिपोर्ट देखने के बाद कहा था कि 500 करोड से ऊपर के 57 डिफाल्टरों पर ही 85 हजार करोड का लोन बकाया है जो कि गंभीर बात है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल कर ये बताने को कहा था कि उसके पास लोन रिकवरी के लिए क्या एक्शन प्लान है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र की एक्सपर्ट कमेटी जो इस पर विचार कर रही है, उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही अगला कदम उठाएंगे. दरअसल, 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने 500 करोड़ और उससे ज्यादा के लोन डिफॉल्टरों की लिस्ट मांगी थी और इसी के तहत RBI ने सुप्रीम कोर्ट में लिस्ट दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि ये लिस्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए, जबकि RBI ने कहा कि लिस्ट के नाम गुप्त रहने चाहिए, क्योंकि ज्यादातर डिफॉल्टर विलफुल डिफॉल्टर नहीं हैं.
ऐसे में ये नाम पब्लिक होते हैं तो नियमों के खिलाफ होगा, लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि ये लोग बैंकों का पैसा लेकर वापस नहीं कर रहे. ऐसे लोगों के नाम सार्वजनिक होते हैं तो इसमें डिफॉल्टरों के अलावा किसी पर क्या असर पडे़गा?
देखें लोन डिफॉल्ट पर एनडीटीवी का खास कार्यक्रम न्यूजप्वाइंट
लोन रिकवरी को लेकर सरकार का क्या एक्शन प्लान है ? डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल ( Debt recovery Tribunals) के लंबित केसों की सूची भी मांगी है. कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा था कि इन लोन डिफाल्टरों के नाम सावर्जनिक करने से कोई मकसद हल नहीं होगा. हमें ये देखना है कि इस समस्या की जड कहां है और इससे कैसे निपटा जा सकता है. कोर्ट ने RBI की सीलबंद रिपोर्ट देखने के बाद कहा था कि 500 करोड से ऊपर के 57 डिफाल्टरों पर ही 85 हजार करोड का लोन बकाया है जो कि गंभीर बात है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल कर ये बताने को कहा था कि उसके पास लोन रिकवरी के लिए क्या एक्शन प्लान है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र की एक्सपर्ट कमेटी जो इस पर विचार कर रही है, उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही अगला कदम उठाएंगे. दरअसल, 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने 500 करोड़ और उससे ज्यादा के लोन डिफॉल्टरों की लिस्ट मांगी थी और इसी के तहत RBI ने सुप्रीम कोर्ट में लिस्ट दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि ये लिस्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए, जबकि RBI ने कहा कि लिस्ट के नाम गुप्त रहने चाहिए, क्योंकि ज्यादातर डिफॉल्टर विलफुल डिफॉल्टर नहीं हैं.
ऐसे में ये नाम पब्लिक होते हैं तो नियमों के खिलाफ होगा, लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि ये लोग बैंकों का पैसा लेकर वापस नहीं कर रहे. ऐसे लोगों के नाम सार्वजनिक होते हैं तो इसमें डिफॉल्टरों के अलावा किसी पर क्या असर पडे़गा?
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