विज्ञापन
This Article is From Apr 30, 2021

कोरोना वायरस : SC ने दिल्‍ली सरकार से कहा, 'ये सियासी बहसबाजी का समय नहीं, केंद्र के साथ मिलकर काम करें'

कोरोना मामले की सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि इस समय आपसी सहयोग से काम लेने का है. राजनीति चुनाव के समय होती है.

कोरोना वायरस : SC ने दिल्‍ली सरकार से कहा, 'ये सियासी बहसबाजी का समय नहीं, केंद्र के साथ मिलकर काम करें'
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्ली:

कोरोना मामले की सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि इस समय आपसी सहयोग से काम लेने का है. राजनीति चुनाव के समय होती है. SC ने कहा, 'हम दिल्ली सरकार को एक संदेश भेजना चाहते हैं कि वह सहयोग का दृष्टिकोण रखे. ये संदेश उच्च स्तर पर जाए कि राजनीतिक बहसबाजी नहीं होना चाहिए. चुनाव के समय राजनीति होती है. अब नागरिक जीवन दांव पर है.हम सहयोग चाहते हैं.'स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिकारी सुनीता डावरा सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दे रही हैं. वे खुद पॉजिटिव हैं और काम कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सराहना की. गौरतलब है कि सुनीता रोजाना दिल्ली हाईकोर्ट की सुनवाई में भी शामिल होती हैं, परसों वो चेस्ट के CT Scan के दौरान सुनवाई में आई थीं.

दिल्‍ली के लोगों के लिए केंद्र की भी जिम्‍मेदारी, 700 MT ऑक्‍सीजन की जरूरत तो 480 MT क्‍यों आवंटित है: SC

इस दौरान सुनीता डावरा ने कहा, एक अभूतपूर्व संकट आया है. अगस्त 2020 में 6000 MT ऑक्सीजन का उत्पादन हुआ था और अब यह 9000 MT है.  मोदीनगर में नए संयंत्र लगाए गए थे. इस्पात क्षेत्र में भी  उत्पादन 1500 से 3600 मीट्रिक टन हो गया है.यूपी ने अपने टैंकरों पर भी जीपीएस लगा दिया है ताकि ड्राइवरों को ट्रैक किया जा सके और यह देखा जा सके कि टैंकर कहां हैं. उन्‍होंने कहा कि दिल्ली में मध्य प्रदेश की तरह ऑक्सीजन की निर्माण इकाई नहीं है. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि  490 MT और 700 MT का मुद्दा क्या है. जब मांग 700 की थी, तो दिल्ली का आवंटन कम क्यों है?

SC का बड़ा आदेश, 'सोशल मीडिया पर ऑक्‍सीजन, बेड, दवाओं की पोस्‍ट करने वालों पर नहीं करें कार्रवाई'

इससे पहले, SC ने कहा कि केंद्र की दिल्ली के प्रति विशेष जिम्मेदारी है.दिल्ली के पास संसाधनों की की कमी है. दिल्ली में अलग-अलग राज्यों के लोग हैं. दिल्ली पर भी केंद्र ध्यान दे. SC ने कहा कि एक नेशनल अथॉरिटी के तौर पर केंद्र की राष्ट्रीय राजधानी के लिए एक जिम्मेदारी बनती  है, और आप नागरिकों के लिए जवाबदेह हैं. SC ने केंद्र से पूछा कि क्या भारत में O2 की उपलब्धता पर्याप्त है, प्रति दिन 8,500 मीट्रिक टन की औसत मांग है. इस पर केंद्र ने कहा कि 10000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दैनिक आधार पर उपलब्ध है.फिलहाल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन राज्यों द्वारा अपर्याप्त साधनों के कारण कुछ क्षेत्रों में उपलब्धता कम हो सकती है.

.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com