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This Article is From Feb 01, 2022

Punjab Election: रेप केस में MLA सिमरजीत सिंह बैंस को राहत, SC ने गिरफ्तारी पर गुरुवार तक लगाई रोक  

शिकायतकर्ता महिला ने कहा है कि विधायक ने मामले को चुनाव से जोड़ दिया जबकि उसके पास ये सबूत हैं कि मामला चुनाव से जुड़ा नहीं है.

Punjab Election: रेप केस में MLA सिमरजीत सिंह बैंस को राहत, SC ने गिरफ्तारी पर गुरुवार तक लगाई रोक  
विधायक ने मामले को चुनाव से जोड़ दिया : शिकायतकर्ता (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

महिला से कथित तौर पर रेप के मामले में लोक इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष और पंजाब से विधायक सिमरजीत सिंह बैंस (Simarjit Singh Bains) को सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लोक इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष और विधायक सिमरजीत सिंह बैंस की गिरफ्तारी पर गुरुवार (तीन फरवरी) तक रोक लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने महिला शिकायतकर्ता की अर्जी को भी मामले के साथ जोड़ा है. शिकायतकर्ता महिला ने कहा है कि विधायक ने मामले को चुनाव से जोड़ दिया जबकि उसके पास ये सबूत हैं कि मामला चुनाव से जुड़ा नहीं है.  गुरुवार को वो इस संबंध में दलीलें पेश करेंगे.

दरअसल, सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ NBW जारी किए गए हैं. बैंस ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है. CJI एन वी रमना ने कहा कि पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए बैंस को 23 फरवरी तक संरक्षण दिया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया को 23 फरवरी तक गिरफ्तारी से राहत दी थी. अदालत ने पंजाब सरकार को कहा था कि लोकतंत्र में किसी को चुनाव लड़ने से रोका नहीं जा सकता. 

इससे पहले, लुधियाना की जिला अदालत ने 7 जुलाई 2021 को बैंस के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज किए जाने के पुलिस को आदेश दे दिए थे. लुधियाना के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरसिमरनजीत सिंह की अदालत ने पुलिस को एक 44 वर्षीय महिला की शिकायत पर दुष्कर्म के आरोप में लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख आत्म नगर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. 

महिला ने विधायक सिमरनजीत बैंस और उनके कुछ साथियों के खिलाफ अदालत में पुलिस में केस दर्ज न होने को लेकर याचिका दर्ज की थी. महिला ने आरोप लगाया कि उसकी सामाजिक और आर्थिक कमजोरियों का फायदा उठाकर बैंस ने उसकी मदद करने के बहाने बार-बार दुष्कर्म किया. निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि विधायक व उनके साथियों पर गंभीर आरोप लगे हैं. पुलिस इस मामले की अच्छी तरह जांच करे. महिला को कोर्ट खुद सुबूत जुटाने के लिए नहीं कह सकता.

कोर्ट ने पुलिस को दुष्कर्म के साथ सुबूतों से छेड़छाड़ करने की धारा के तहत भी मामला दर्ज करने के आदेश दिए था. उस महिला ने 16 नवंबर 2020 को पुलिस कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों को इसके खिलाफ लिखित शिकायत दी थी और FIR  दर्ज करने की मांग की थी.

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