
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
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उतराखंड और पश्चिम बंगाल को फटकार लगाई है.
सुप्रीम कोर्ट हलफनामे में रेप पीडितों का नाम और ब्योरा देने पर नाराज हुआ.
दोनों राज्यों केे गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव को कोर्ट में तलब किया
कोर्ट ने कहा कि ये ब्योरा देना कानून के विपरीत है और पूरी तरह आपत्तिजनक है. सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने वाले वकील से भी नाराजगी व्यक्ति की है. सुप्रीम कोर्ट ने उन राज्यों को भी दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने को कहा है, जिन्होंने अभी तक दाखिल नहीं किया है. इस मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को फटकार लगाई थी कि आपकी नजर में रेप की क़ीमत 6500 रुपये है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न की पीड़ित महिलाओं को केवल 6500 रुपये निर्भया फंड से दिए जा रहे है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इतना कम पैसा यौन उत्पीड़न की पीड़ित महिलाओं को देकर ऐसा लग रहा है आप कोई चैरिटी कर रहे है. आप ऐसा कैसे कर सकते है आपकी नजर में रेप पीड़ित को मुआवज़े में देने के लिए केवल 6 हज़ार 5 सौ रुपये है.
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य में 1951 रेप के मामले दर्ज हुए है और आप हर पीड़ित को केवल 6 हज़ार या 6 हज़ार 500 रुपये दे रहे है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्भया फंड में मध्यप्रदेश को सबसे ज्यादा फंड दिया जाता है उसके बावजूद राज्य सरकार 1951 रेप पीड़ित महिलाओं में केवल 1 करोड़ रुपये मुआवज़ा दे सकी.
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