COVID-19 की वैक्सीन के लिए PSUs (सार्वजनिक उपक्रमों) को पुनर्जीवित करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने केंद्र से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. इस याचिका में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर टीकाकरण करने के लिए PSU को फिर से पुनर्जीवित करने की जरूरत है. कोर्ट के सवाल पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह अनिवार्य रूप से एक नीतिगत फैसला है, लेकिन सरकार औपचारिक जवाब दाखिल करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता केंद्र का जवाब दाखिल करने के बाद तीन हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे.
दरअसल COVID-19 टीकाकरण में तेजी लाने के लिए वैक्सीन सार्वजनिक उपक्रमों के पुनरुद्धार के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. वैक्सीन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को पुनर्जीवित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें COVID-19 टीकाकरण को बढ़ाने और खरीद आदेश देकर अपनी पूर्ण उत्पादन क्षमताओं का उपयोग करने की सख्त आवश्यकता पर विचार किया गया है.
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अमूल्य रत्न नंदा, IAS (सेवानिवृत्त), ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क (AIDAN), लो कॉस्ट स्टैंडर्ड थेरेप्यूटिक्स (LOCOST) और मेडिको फ्रेंड सर्कल द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से इन सार्वजनिक उपक्रमों को इस्तेमाल करने के लिए 'अनिच्छुक' केंद्र सरकार को आदेश देने के लिए कहा है.
याचिका में कहा गया है कि इन सार्वजनिक उपक्रमों को एक बार पुनर्जीवित करने के बाद, भविष्य में उनके पूर्ण पुनरुद्धार और सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए "पूर्ण स्वायत्तता" दी जानी चाहिए
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