उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कोविड-19 (Covid-19) महामारी में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों (Orphaned Children) को राहत प्रदान करने के लिए केन्द्र की कल्याण योजना का मंगलवार को संज्ञान लिया और इसकी निगरानी के लिए एक तंत्र के साथ योजना का विवरण मांगा.
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न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की एक पीठ ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों (यूटी) को सचिव या संयुक्त सचिव के स्तर के नोडल अधिकारियों को नियुक्त करने का निर्देश दिया, जो अनाथों के संबंध में सभी सूचनाएं, उनकी पहचान और उनके लिए कल्याणकारी उपायों के बारे में जानकारी देने के लिए न्याय मित्र गौरव अग्रवाल के साथ बातचीत करेंगे.
पीठ ने कहा कि वह पहले सोमवार को दस राज्यों तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड के मामलों की सुनवाई करेगी, जहां अधिकांश बच्चों ने आजीविका अर्जित करने वाले अपने अभिभावकों को खो दिया है.
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उच्चतम न्यायालय एक न्याय मित्र द्वारा दाखिल अर्जी पर सुनवाई कर रहा था जिसमें इस जानलेवा वायरस के कारण अनाथ हुए बच्चों के सामने आ रही परेशानियों पर प्रकाश डाला गया है.
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