भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon Case) में आरोपी सुधा भारद्वाज (Sudha Bharadwaj) की मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को सुनवाई से इनकार कर दिया है. भारद्वाज की ओर से मेडिकल आधार पर जमानत की याचिका दाखिल की गई थी. कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा है कि उनके पास एक अच्छा मामला है और उन्हें मेरिट के आधार पर जमानत याचिका दाखिल करनी चाहिए.
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि 'आपने मेडिकल आधार पर संपर्क क्यों किया है? शुगर लेवल ठीक है. हम चिकित्सा आधार पर इस जमानत पर आपके साथ नहीं हैं. आप मेरिट के आधार पर जमानत की अर्जी क्यों नहीं देते?' सुधा की वकील वृंदा ग्रोवर ने याचिका को वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि सुधा के पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है.
बता दें कि 28 अगस्त को एल्गार परिषद मामले की आरोपी प्रोफेसर सुधा भारद्वाज की अंतरिम जमानत अर्जी बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी. सुधा भारद्वाज भायखला महिला जेल में बंद हैं. स्वास्थ्य कारणों से भारद्वाज ने जमानत की अपील की थी. अदालत ने राज्य सरकार के दायर हलफनामे पर विचार किया, जिसमें 21 अगस्त की नवीनतम चिकित्सा रिपोर्ट शामिल थी. रिपोर्ट में उनका स्वास्थ्य सामान्य बताया गया है.
अदालत में सरकार ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया जाएगा, जैसा कि इस मामले के दूसरे आरोपी वरवर राव मामले में किया गया था. इससे पहले एल्गार परिषद-कोरेगांव भीमा मामले में गिरफ्तार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका का NIA ने विरोध किया था. एजेंसी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा कि उनकी बीमारी गंभीर प्रकृति की नहीं हैं. उसने यह भी कहा कि भायखला जेल के अधिकारी भारद्वाज की चिकित्सा जरूरतों को देखने के लिए सक्षम हैं.
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