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This Article is From Oct 04, 2018

अभिजीत अय्यर मित्रा को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार, कहा- आप लोगों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं

कोणार्क के सूर्य मंदिर पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी अभिजीत अय्यर मित्रा को राहत नहीं दी है.

अभिजीत अय्यर मित्रा को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार, कहा- आप लोगों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: कोणार्क के सूर्य मंदिर पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी अभिजीत अय्यर मित्रा को राहत नहीं दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मित्रा को जमानत देने से इनकार कर दिया है. CJI गोगोई ने कहा कि आप देश के लोगों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं. आप किसी भी राहत पाने के हकदार नहीं हैं और अगर आपको जान का खतरा है तो बेहतर होगी कि आप जेल के भीतर सुरक्षा की मांग करें. ओडिसा पुलिस अभिजीत अय्यर मित्रा को गिरफ्तार कर सकती है और आरोपी ने सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जमानत की मांग की है. 

याचिका में कहा गया है कि ओडिसा हाईकोर्ट में इस वक्त हड़ताल चल रही है. 15 सितंबर को पूर्व सांसद बैजयंत पंडा निजी हेलीकॉप्टर से अभिजीत पुरी जिले की ओर ले गए थे. चिलका झील के ऊपर हेलीकॉप्टर उड़ाने के आरोप में उन पर पुरी जिले सिंह द्वार थाने पर एफआईआर हुई थी. 20 सितंबर को दिल्ली में ओडिशा पुलिस ने अभिजीत अय्यर मित्रा ब्लॉगर को गिरफ़्तार कर लिया था. उस पर कोणार्क के सूर्य मंदिर पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियां करने का आरोप है. ओडिशा की विधानसभा में भी यह मुद्दा छाया रहा और अभिजीत पर कार्रवाई की मांग की गई. हालांकि साकेत अदालत ने ट्रांजिट रिमांड देने से इनकार करते हुए मित्रा को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि का एक जमानतदार देने पर राहत मंजूर की और उन्हें 28 सितंबर तक राज्य में जांच में शामिल होने का निर्देश दिया.

इससे पहले ओडिशा विधानसभा ने कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए मित्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पारित किया. पूर्व बीजद नेता बैजयंत पांडा के साथ इस मामले में आरोपी बनाए गए मित्रा को राष्ट्रीय राजधानी में हजरत निजामुद्दीन के पास से गिरफ्तार किया गया और उन्हें मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मनीष खुराना के सामने पेश किया गया. ओडिशा पुलिस ने उन्हें ओडिशा ले जाने के लिए तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड मांगी थी. 

ओडिशा पुलिस ने अदालत को बताया था कि मित्रा ने सोशल मीडिया पर अपना नजरिया साझा करके कोणार्क सूर्य मंदिर पर अशोभनीय एवं गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियां कीं, जिसकी मंशा धार्मिक भावनाओं को आहत करना था. पुलिस ने कहा, 'आरोपी ने कोणार्क सूर्य मंदिर के कुछ हिस्सों में अपने तस्वीरें लीं और उन्होंने उड़िया लोगों के खिलाफ ट्वीट किया.
ये ट्वीट 14 सितंबर को किए गए. जमानत याचिका में मित्रा ने कहा था कि उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है. भारतीय दंड संहिता की 153-ए (धर्म, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न गुटों के बीच वैमनस्यता फैलाना) और 295-ए (धर्म या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाकर किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए द्वेषपूर्ण कृत्य) सहित विभिन्न धाराओं के तहत यह मामला दर्ज किया गया है. अगर दोषी पाया जाता है तो आरोपी को अधिकतम तीन साल के कारावास की सजा हो सकती है. 
 

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