दिल्ली में पुलिस कमिश्नर को NSA के तहत अधिकार देने के खिलाफ याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि मामले में इस तरह 'ब्लैंकेट बैन' नहीं लगा सकते हैं. याचिका का निपटारा करते हुए कोर्ट ने कहा, 'हम ये जनरल ऑर्डर कैसे दे दें कि कानून का पालन किया जाए. किसी एक व्यक्ति के खिलाफ भी किसी अथॉरिटी ने कानून का दुरुपयोग किया है तो याचिकाकर्ता नई याचिका दाखिल कर सकता है'. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आगे यह भी जोड़ा कि उसे कोर्ट के सामने कानून के दुरुपयोग के विशिष्ट उदाहरण देने होंगे. जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि आपको पता है कि त्रिपुरा, असम और कोलकाता में क्या हो रहा है?
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई की है जिस पर याचिका में उपराज्यपाल के उस आदेश को चुनौती दी गयी है जिसमें दिल्ली के उप राज्यपाल अधिसूचना जारी कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दिल्ली पुलिस आयुक्त को 3 महीने के लिए किसी भी व्यक्ति को हिरासत में लेने के अधिकार को बढ़ा दिया है.
इस अधिसूचना के मुताबिक़, अनिल बैजल ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980 की धारा 3 की उपधारा (3) का इस्तेमाल करते हुए 19 जनवरी से 18 अप्रैल तक दिल्ली पुलिस आयुक्त को किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का अधिकार दिया. ये अधिसूचना उप राज्यपाल की मंज़ूरी के बाद 10 जनवरी को जारी की गई थी. वकील एमएल शर्मा ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं